ओवैसी ने राहुल से कहा- राजस्थान के सीएम को बताइए क्या है मोहब्बत की दुकान

नई दिल्ली। अपने छह दिवसीय अमेरिकी दौरे पर राहुल गांधी ने भारतीय लोगों से बातचीत के दौरान भारत में मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार को लेकर कहा था कि भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा मुस्लिमों को निशाना बनाया गया। साथ ही उन्होंने कहा थी कि नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान यानी नफरत को प्यार से खत्म किया जा सकता है।

अब इस पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राहुल गांधी को घेरा है। गौरतलब है, राहुल गांधी ने बुधवार सुबह सैन फ्रांसिस्को में भारतीयों से बातचीत की। जहां उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा था, वहीं उन्होंने मुस्लिमों पर हो रहे हमले का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आज जो मुस्लिमों के साथ हो रहा है वो दलितों के साथ 1980 में हो चुका है।

राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि मैं कह सकता हूं कि ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’। उन्होंने कहा कि इससे अच्छा तरीका और कुछ नहीं है।

राजस्थान के सीएम पर भी किया हमला

AIMIM प्रमुख औवसी ने कहा कि राहुल को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को पूछना चाहिए कि जब जुनैद और नासिर की हत्या हुई, तो गहलोत को उनके परिवार के सदस्यों से मिलने में 15 दिन क्यों लग गए? इन लोगों को 15 लाख अनुग्रह राशि दी गई, जबकि अन्य को 50 लाख रुपये मिलते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि आप भूपेश बघेल से जाकर पूछिए, छत्तीसगढ़ में उनकी सरकार ने धर्मसंसद को प्रायोजित किया, जिसमें महात्मा गांधी को अपशब्द कहे गए। वहां बताइए आप।

मुस्लिमों के खिलाफ में आए फैसले का स्वागत क्यों?

एआईएमआईएम प्रमुख ने हमलावर होते हुए कहा कि जब अमित शाह साल 2019 में UAPA लाए तो आपने उनका समर्थन किया था। यही कारण है कि सबसे अधिक संख्या में मुस्लिम, दलित और सरकार के असंतुष्टों को जेल में रखा गया। उन्होंने राहुल से पूछा कि तब आपने UAPA का समर्थन क्यों किया?

आपने बाबरी मस्जिद के फैसले का स्वागत क्यों किया? मप्र में आपकी सरकार पार्टी के मंच से हिंदू धार्मिक त्योहार कराना चाहता है। क्या यह मोहब्बत की दुकान है?

राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता के चलते मुस्लमान बर्बाद

औवेसी ने कहा कि मैंने शुरू से ही कहा है कि राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता के चलते मुस्लमानों को बर्बाद कर दिया गया है। उनका सशक्तिकरण नहीं हुआ। विधानसभा और संसद में मुस्लिम प्रतिनिधित्व को समाप्त करने के लिए राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल किया गया।

उन्होंने कहा कि मैं राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ हूं और रहूंगा। मैं उस धर्मनिरपेक्षता के साथ खड़ा हूं जो संविधान ने हमें बताया। अब आप कहेंगे कि धर्मनिरपेक्षता को संविधान में बाद में जोड़ा गया था, लेकिन स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, न्याय, समानता का अधिकार सभी धर्मनिरपेक्षता हैं। राहुल गांधी को इन मुद्दों पर बात करनी चाहिए। औवेसी ने आखिर में पूछा कि आप कब तक जुबानी खर्च करते रहेंगे?

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