नई दिल्ली। देवाधिदेव महादेव को समर्पित श्रावण मास यानि सावन का महीना सनातन धर्म में खास स्थान रखता है। इस माह में शिव जी के भक्त पूरी श्रद्धा-भाव से अपने आराध्य देव की पूजा करते हैं। हर साल सावन महीने की शुरुआत आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि के अगले दिन से होती है।
इस बार सावन का यह पवित्र महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू हो रहा है, जो कि 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा। यानी इस बार भक्तों को देवों के देव महादेव की उपासना के लिए कुल 59 दिन मिलने वाले हैं। माना जा रहा है कि ऐसा संयोग कई वर्षों बाद बन रहा है। वहीं इस बार भोलेनाथ के भक्तों को उनकी उपासना करने के लिए 4 के बजाय 8 सावन के सोमवार मिलेंगे।
क्यों बन रहा ऐसा संयोग
वैदिक पंचांग की गणना सौर मास और चंद्र मास के आधार पर की जाती है, जिसमें चंद्र मास 354 दिनों का होता है। वहीं सौर मास 365 दिन का। दोनों में 11 दिन का अंतर आता है और तीसरे साल यह अंतर 33 दिन का हो जाता है, जिसे अधिक मास कहा जाता है। ऐसे में इस बार सावन दो महीने का होने वाला है।
इसलिए भी खास है इस बार सावन का महीना
धर्म शास्त्रों के अनुसार अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं। वहीं सावन का महीना शिव जी को समर्पित है। ऐसे में इस बार सावन और अधिकमास साथ में पड़ने से भगवान शिव शंकर के साथ विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी।
सावन सोमवार की तिथियां
सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार: 24 जुलाई
सावन का चौथा सोमवार: 31 जुलाई
सावन का पांचवा सोमवार: 07 अगस्त
सावन का छठा सोमवार:14 अगस्त
सावन का सातवां सोमवार: 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त
सावन सोमवार का महत्व
हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र माना जाता है। इस पूरे माह में भोलेनाथ के भक्त शिव जी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए विधि-विधान से पूजा करते हैं। साथ ही कुंवारी कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए सोलह सोमवार का व्रत भी करती हैं।