UCC पर लॉ कमिशन ने फिर मांगी लोगों से राय, 30 दिनों में दे सकते हैं Opinion

नई दिल्ली। सामान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड-UCC) के मुद्दे पर विधि आयोग (law commission) ने एक बार फिर कंसल्टेशन पेपर जारी करने का फैसला किया है। आयोग ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पब्लिक और धार्मिक संस्थानों से राय मांगी है। आयोग ने 2018 में भी एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया था और फैमिली लॉ में सुधार के लिए राय मांगी थी।

क्यों फिर से राय मांगी?

कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी की अगुवाई वाले लॉ कमिशन ने UCC के लिए दोबारा से राय मांगने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि पिछला कंसल्टेशन पेपर तीन साल से ज्यादा वक्त पहले जारी हुआ था। वह पुराना हो चुका है।

लॉ कमिशन ने पब्लिक नोटिस जारी कर कहा, 21वें लॉ कमिशन ने UCC पर लोगों और हितधारकों से 7 अक्टूबर, 2016 को राय मांगी थी। फिर 19 मार्च, 2018 और 27 मार्च, 2018 को राय मांगी गई।

इसके बाद 31 अगस्त, 2018 को लॉ कमिशन ने फैमिली लॉ के सुधार के लिए सिफारिश की थी। चूंकि पिछले कंसल्टेशन के बाद तीन साल से ज्यादा वक्त बीच चुका है। ऐसे में विषय की गंभीरता और कोर्ट के आदेशों को देखते हुए 22वें लॉ कमिशन ने इस विषय पर राय लेने का फैसला किया है।

30 दिनों के भीतर दे सकते हैं राय

जो लोग भी इस मामले में अपना मत देना चाहते हैं, वे 30 दिनों के भीतर अपनी राय दे सकते हैं। इसके लिए बाकायदा ईमेल आईडी दी गई है। membersecretary-lci@gov.in पर विचार भेजे जा सकते हैं। अगर जरूरत पड़ी तो लॉ कमिशन किसी व्यक्ति या संस्थान को व्यक्तिगत तौर पर सुनवाई के लिए बुला सकता है।

बता दें कि 21वें लॉ कमिशन का कार्यकाल अगस्त, 2018 में खत्म हो गया था। 22वें लॉ कमिशन को हाल में तीन साल का कार्य विस्तार दिया गया है। इसने कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा एक पत्र भेजे जाने के बाद समान नागरिक संहिता से जुड़े विषयों की पड़ताल शुरू की है।

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