नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र संशोधन विधेयक-2023 (NCT Amendment Bill-2023) लोकसभा में बीते कल मंगलवार को कुछ बदलावों के साथ पेश किया गया। इस विधेयक पर आज बुधवार को चर्चा होगी। विपक्षी दलों के भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने इस विधेयक को पेश किया। ये विधेयक कुछ महीनों पहले जारी अध्यादेश की जगह लेगा। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस विधेयक को संघीय ढांचे के विरुद्ध बताया है।
लोकसभा में विधेयक का पास होना तय
दिल्ली सेवा बिल का लोकसभा में पारित होना तय माना जा रहा है। दरअसल, भाजपा के अकेले 301 सदस्य, जबकि राजग के 330 से अधिक सदस्य हैं।
बीजू जनता दल (बीजद) ने इस विधेयक का समर्थन किया है। पार्टी सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि केंद्र को दिल्ली के संबंध में कानून बनाने का अधिकार है। आन्ध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ YSRCP ने पहले ही इस विधेयक का समर्थन कर दिया है। इस कारण राज्यसभा में भी इस बिल का पास होना तय माना जा रहा है।
गिर जाएगा विधेयक, हमारे पास संख्या
वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दावा किया है कि दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में गिर जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में हमारे पास पर्याप्त संख्या बल है। पार्टी के एक और राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली सभी पार्टियां इस बिल के खिलाफ वोट करेंगी और यह बिल लोकसभा में पास नहीं होगा।
BJD, YSRCP ने मजबूरी में दिया बीजेपी को समर्थन
आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि बीजद और वाईएसआरसीपी ने मजबूरी के कारण बीजेपी को समर्थन करने का फैसला लिया होगा। जो लोग इस बिल का समर्थन करेंगे, उन्हें राष्ट्र-विरोधी के रूप में याद किया जाएगा… हम भारत के संविधान को बचाने के लिए लड़ेंगे।