संसद की सुरक्षा में सेंध का मुख्य साजिशकर्ता कोई, पुलिस सूत्रों का बड़ा दावा

नई दिल्ली। कल बुधवार 13 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में तमाम सवाल उठ रहे हैं। इस बीच दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने दावा किया है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने का मुख्य साजिशकर्ता पकड़े गए आरोपियों के बजाय कोई और है। पुलिस की तरफ से फिलहाल इस मामले में जांच जारी है।

मामले में दिल्ली पुलिस ने UAPA की धारा के तहत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस प्रकरण में दिल्ली पुलिस की खासी किरकिरी हुई है और संसद की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।

सुरक्षा के पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के बावजूद लखनऊ निवासी सागर शर्मा और मैसूर निवासी डी. मनोरंजन संसद में जूते में छिपाकर स्मोक केन (धुआं बम) लेकर घुस गए थे। वहीं, संसद के बाहर पुलिस के सामने ही नीलम व अमोल शिंदे ने पीले व लाल रंग के स्मोक केन चला दिए और पुलिस उन्हें रोक नहीं पाई।

डेढ़ साल पहले एक दूसरे से मिले थे आरोपी

बताया जा रहा है कि बुधवार को घटना को अंजाम देने से पहले ही आरोपियों ने संसद के बाहर रेकी कर ली थी। पुलिस का यह भी मानना है कि सभी आरोपी एक सोशल मीडिया पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ से जुड़े थे। यह सभी आरोपी करीब डेढ़ साल पहले एक दूसरे से मैसूर में मिले थे।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, सागर जुलाई में लखनऊ से आया था, लेकिन संसद भवन में प्रवेश नहीं कर पाया था। इसके बाद, 10 दिसंबर को एक-एक करके सभी अपने-अपने राज्यों से दिल्ली पहुंचे। इसके बाद इंडिया गेट के पास एकत्र हुए, जहां सभी को रंगीन पटाखे दिए गए।

UAPA की धारा के तहत केस दर्ज

इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने UAPA की धारा के तहत मामला दर्ज किया है। गृह मंत्रालय ने भी जांच के आदेश दिए। गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर गृह मंत्रालय ने संसद की सुरक्षा में चूक की घटना की जांच के आदेश दिए हैं। CRPF के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई है, जिसमें अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और विशेषज्ञ शामिल हैं।

क्या हुआ था संसद में

गौरतलब है कि 13 दिसंबर बुधवार दोपहर में दो आरोपी मनोरंजन डी और सागर शर्मा लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए और उन्होंने कलर स्मॉग का इस्तेमाल किया, जिससे सांसदों में के बीच अफतरातफरी मच गई। सांसदों ने आरोपियों को पकड़ा और उनकी पिटाई कर दी। इसके बाद उन्हें सदन में मौजूद मार्शल के हवाले किया गया।

दूसरी ओर, उसके साथी नीलम और अमोल शिंदे ने संसद भवन के बाहर कलर स्मॉग का इस्तेमाल किया और नारेबाजी की। इसके बाद बाहर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ललित और विशाल शर्मा के रूप में दो अन्य आरोपी भी इस साजिश में शामिल थे। विशाल को हरियाणा के गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया, जबकि ललित फिलहाल फरार है।

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