वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी में स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से दायर मुकदमे के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी श्रृंगार गौरी मुकदमे में ज्ञानवापी में हुए ASI सर्वे को पर्याप्त नहीं मानते। उनका कहना है कि इसमें ज्ञानवापी के आराजी संख्या 9130 का सर्वे हुआ, जिसमें वहां मौजूद वर्तमान इमारत है। उनके मुकदमे में आराजी संख्या 9131 व 9132 में सर्वे की मांग की गई है।
रस्तोगी का कहना है कि जांच के जो बिंदु अभी हुए सर्वे के दौरान छूट गए हैं, उनकी भी जांच की जाएगी। आवश्यकता हुई तो परिसर में मौजूद मलबे के नीचे सुरंग बनाकर जांच होगी। हमारा दावा है विवादित इमारत के मुख्य शिखर के नीचे बाबा विश्वनाथ का शिवलिंग है। इसकी जांच मशीन के जरिये हुई तो ठीक, अन्यथा सुरंग बनाकर की जाएगी।
फैसला हुआ है, इंसाफ नहीं
दूसरी ओर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव एएम यासीन ने कहा- यह फैसला हुआ है, इंसाफ नहीं। हम प्लेट में परोसकर मस्जिद नहीं देंगे। इसके लिए हर संभव कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। हाई कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रहे हैं। इस पर हमारी कमेटी के पदाधिकारी बैठक करेंगे। बैठक में जैसा तय होगा, वैसा किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प हमारे पास है।
32 साल से भगवान शंकर न्याय की प्रतीक्षा में
वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने कहा- 32 साल से भगवान शंकर न्याय की प्रतीक्षा में हैं। हाई कोर्ट के आदेश से न्याय का रास्ता साफ हो रहा है। हम तो यही चाहते हैं कि ज्ञानवापी में भव्य मंदिर का निर्माण हो और हिंदुओं को बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करने का मौका मिला। सत्य की विजय जरूर होती है, भले ही उसमें वक्त लगे।