मानव तस्करी के शक में फ्रांस में रोका गया विमान यात्रियों को लेकर पहुंचा मुंबई

मुंबई\पैरिस। मानव तस्करी के शक में पैरिस के पास वाट्री एयरपोर्ट पर चार दिन से जिस विमान को रोका गया था, आखिरकार वह मंगलवार तड़के मुंबई पहुंच गया। उसने सोमवार को मुंबई के लिए उड़ान भरी थी। पहले इस विमान को सोमवार दोपहर 2:20 बजे तक मुंबई पहुंचना था, लेकिन इसमें देरी हुई। बताया गया कि विमान में 50 यात्री लौटना नहीं चाहते हैं, क्योंकि उन्होंने फ्रांस में शरण के लिए अर्जी दी है।

बाद में यह विमान कुछ यात्रियों को छोड़कर मुंबई के लिए निकला। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि विमान में कितने यात्री सवार हैं। माना जा रहा है कि जिन्होंने शरण के लिए आवेदन नहीं किया है, वे कम से कम सवार नहीं हैं।

रोमानिया की लीजेंड एयरलाइंस के इस विमान में 303 यात्री सवार थे, जिनमें ज्यादातर भारतीय हैं। यह विमान दुबई से निकारागुआ के लिए निकला था और तेल भरने के लिए फ्रांस के वाट्री एयरपोर्ट पर गुरुवार को उतरा था।

इस दौरान फ्रांस के अधिकारियों को सूचना मिली की इसमें मानव तस्करी के पीड़ितों को ले जाया जा रहा है, तो विमान को उड़ान भरने से रोक दिया गया। रविवार को चार जजों ने एयरपोर्ट परिसर पर ही यात्रियों से पूछताछ की। इसके बाद रविवार को ही फ्रांस के अधिकारियों ने इस ए340 विमान को यात्रा फिर से शुरू करने की अनुमति दी थी।

फ्रांस मीडिया ने बताया कि कुछ यात्री सेंट्रल अमेरिका के निकारागुआ की अपनी यात्रा जारी रखना चाहते हैं। दो यात्रियों को यात्री का मंजूरी नहीं मिली है और उन्हें आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। फ्रांस के मीडिया ने कहा कि वे सभी यात्री जो पुलिस हिरासत में नहीं हैं और जिन्होंने शरण के लिए आवेदन नहीं किया है, उनके रवाना होने की उम्मीद है।

11 भारतीय नाबालिग हैं, जिनके पैरेंट्स साथ नहीं

300 भारतीयों में एक 21 महीने का बच्चा और 11 भारतीय नाबालिग हैं, जिनके माता-पिता उनके साथ नहीं हैं। जजों की पूछताछ के दौरान कुछ लोग हिंदी में बात कर रहे थे तो कुछ लोग तमिल भाषा बोल रहे थे। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि प्लेन में साउथ इंडिया के लोग भी मौजूद थे।

एयरपोर्ट पर ही रहने-खाने का था इंतज़ाम

फ्रांस ने सभी लोगों के लिए एयरपोर्ट पर ही रहने और खाने की व्यवस्था की थी। बच्चों की पढ़ाई के लिए ट्यूटर रखे गए थे। यहां रोज भारत के अधिकारी उनसे मुलाकात कर रहे थे। वहीं, फ्रांस ने फ्लाइट ऑपरेट कर रहे प्राइवेट जेट के क्रू मेंबर्स से भी पूछताछ की थी। इसके बाद उन्हें आजाद कर दिया गया था।

एयरलाइंस का आरोपों से इनकार

एयरलाइंस की वकील ने मानव तस्करी में किसी भी तरह से शामिल होने से इनकार किया है। फ्रांस में मानव तस्करी के लिए 20 साल तक की सजा का प्रावधान है। खबरों के मुताबिक, यात्रियों ने सेंट्रल अमेरिका के निकारागुआ के जरिए अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में घुसने की योजना बनाई होगी। गुमनाम सूचना पर इसे रोका गया था।

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