देहरादून। आगामी 26 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान पेश होने वाला धामी सरकार का बजट सशक्त उत्तराखंड पर केंद्रित होगा। प्रदेश सरकार 2025 तक उत्तराखंड को देश के सबसे अग्रणी राज्यों में शामिल कराने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर सरकार बजटीय प्रावधान और नई योजनाओं का स्वरूप निर्धारित करेगी।
आगामी बजट राज्य की महिलाओं, किसानों, युवाओं पर फोकस होगा और पर्यटन, कृषि, उद्यानिकी, कौशल व अवस्थापना विकास इसके मुख्य आधार होंगे। सूत्रों के मुताबिक, वित्त विभाग ने बजट को अंतिम रूप दे दिया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, सरकार जेंडर बजट के साथ राज्य के समग्र विकास पर आधारित बजट लेकर आएगी।
प्रदेश सरकार उत्तराखंड में विकास की संभावनाओं का नियंत्रित दोहन करते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने का रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप के तहत सरकार को पर्यटन, उद्यान, आयुष, सेवा, उद्योग, अवस्थापना विकास, तीर्थांटन और नई टाउनशिप के क्षेत्र में चरणबद्ध ढंग से कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीन पर उतारना है।
स्वरोजगार और आजीविका आधारित योजनाओं पर फोकस
इसके साथ ही प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली क्षति को कम करने की कार्ययोजनाओं पर काम करना है। सरकार का महिलाओं और राज्य के बेरोजगारों के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण के जरिये स्वरोजगार और आजीविका आधारित योजनाओं पर फोकस है। साथ ही स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में जगह दिलाने की योजना है, ताकि राज्य के लोगों की आजीविका में वृद्धि हो।
वित्त मंत्री के मुताबिक, बजट समग्र रूप से इन सारी प्राथमिकताओं पर केंद्रित होगा। सचिव वित्त दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में बजट प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया गया।
26 फरवरी से एक मार्च तक राज्य का बजट सत्र होगा। कई विधायकों के लिखित अनुरोध पर बजट सत्र देहरादून में होगा। पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा। इसके बाद कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में आगे की रूपरेखा तय होगी। उत्तराखंड का यह बजट जेंडर बजट होगा।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया सभी वर्ग को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया जा रहा है। इसमें राज्य के हितधारकों के साथ संवाद और कई माध्यमों से प्राप्त हो रहे सुझावों का समावेश होगा। बजट 2025 तक उत्तराखंड को देश के श्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में शामिल कराने की दिशा में कारगर साबित होगा।