चंडीगढ़। केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मानने से इनकार के बाद किसान आज सुबह 11 बजे दिल्ली कूच करेंगे। इसके लिए शंभू बॉर्डर पर हाईड्रोलिक क्रेन, जेसीबी व बुलेटप्रूफ पोकलेन जैसी भारी मशीनरी लाई गई है। वहीं पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने किसानों के कूच को रोकने के आदेश दिए हैं।
मांग एक पर विरोध का तरीका अलग
किसान आंदोलन-2.0 में किसान संगठन एकजुट नहीं हो पा रहे हैं, बल्कि धड़ों में बंटे हुए हैं। खास बात ये है कि सभी किसान संगठनों की मांग एक ही है कि एमएसपी पर गारंटी कानून लागू किया जाए, लेकिन संगठनों के विरोध के तरीकों का रूप अलग-अलग है।
संगठन अपने-अपने तरीके से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, लेकिन पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच के समर्थन से बच रहे हैं। भाकियू टिकैत गुट का कहना है कि उनका दिल्ली कूच को समर्थन नहीं है। लेकिन बुधवार को प्रदेशभर में भाजपा कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन कर सरकार के पुतले फूंके जाएंगे।
एक दिन और बढ़ी मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी
हरियाणा सरकार ने किसान आंदोलन को देखते हुए सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी 21 फरवरी रात 12 बजे तक के लिए बढ़ा दी है। राज्य सरकार ने 11 फरवरी को अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और डबवाली में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
11 बजे दिल्ली कूच तय
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर और जगजीत डल्लेवाल ने एलान किया है कि अब हम किसी से बात नहीं करेंगे। पूरे 11 बजे दिल्ली कूच किया जाएगा।
किसानों ने बनाई लीगल टीम
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर कहा कि एमएसपी की मांग को लेकर उन्होंने अपनी एक लीगल टीम भी गठित कर ली है। इस टीम में एडवोकेट अखिल चौधरी को को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। टीम में एडवोकेट पंकज श्योराण, अदिति श्योराण, वर्तिका त्रिपाठी, मोहित तोमर और कपिल कुहाड़ शामिल हैं।
पूरी तैयारी से आए हैं किसान
शंभू पर जुटे नौजवानों के पास आंसू गैस के गोलों से बचाव के लिए मास्क हैं। मिट्टी से भरे प्लास्टिक के थैले भी इकट्ठा कर लिए गए हैं।
किसानों का कहना है कि वैसे तो वह भारी मशीनरी के जरिये सीमेंट से तैयार की भारी बैरीकेडिंग तोड़ लेंगे, लेकिन अगर फिर भी जरूरत पड़ी, तो नदी में इन मिट्टी के थैलों को डाल कर एक अस्थायी पुल बनाने का भी प्लान बी तैयार है, ताकि किसी भी हालत में दिल्ली कूच के कार्यक्रम में किसी तरह की कोई बाधा न आ सके।
बॉर्डर पर 14000 की भीड़
केंद्र ने अनुमान लगाया है कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर 1,200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, 300 कारों, 10 मिनी बसों के अलावा छोटे वाहनों के साथ लगभग 14,000 लोग एकत्र हुए हैं और इसके लिए पंजाब सरकार को अपनी कड़ी आपत्ति से अवगत कराया गया है।
पंजाब सरकार को भेजे एक पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि पिछले कुछ दिनों से राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति चिंता का विषय है और उसने कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।