चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। सूत्रों ने दावा किया है कि हरियाणा कोर कमेटी की आलाकमान के साथ हुई बैठक में यह तय हो गया है। पार्टी का मानना है कि दसों सीटों पर वह मजबूत स्थिति में है। ऐसे में वह किसी तरह का कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहती।
भाजपा ने अकेले ही लड़ने का मन बना लिया है। भाजपा हरियाणा की लोकसभा सीटों पर आठ मार्च के बाद कभी भी उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। आठ मार्च को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होनी है। बैठक में केंद्रीय नेता और हरियाणा भाजपा के कोर कमेटी के नेता शामिल थे।
इनमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेश प्रभारी बिप्लब कुमार देब व प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी व अन्य नेता मौजूद थे। हालांकि इस पर अंतिम मुहर 8 मार्च को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पीएम मोदी लगाएंगे। आठ मार्च को होने वाली बैठक में 150 सीटों पर उम्मीदवारों पर चर्चा की जाएगी। उसके अगले दिन नौ मार्च को पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। इसमें हरियाणा की सीटें भी शामिल होंगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी दावा किया है कि आचार संहिता लागू होने से पहले भाजपा अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी। उन्होंने दावा किया कि आठ मार्च को हरियाणा के उम्मीदवारों पर भी चर्चा होने की पूरी संभावना है। भाजपा के अन्य नेताओं ने भी बताया कि अगले तीन दिन के भीतर पार्टी प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर देगी।
भाजपा हरियाणा की सभी दसों सीट पर संभावित उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर चुकी है। इसमें हर सीट से तीन से चार उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं। कुरुक्षेत्र के पैनल में सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी का नाम शामिल है। सूत्रों ने यह भी बताया कि पिछले दो दिन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी सभी सीटों पर चर्चा की है और इसकी रिपोर्ट भाजपा को सौंप दी है। अब पीएम मोदी को ही टिकटों पर अंतिम मुहर लगानी है।
तीन से चार चेहरे बदल सकते हैं
सूत्रों ने दावा किया है कि पार्टी तीन से चार सीटों पर उम्मीदवारों के चेहरे बदल सकती है। पार्टी ने यह भी तय किया है कि वह हरियाणा से कम से कम दो महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी। अब यह उम्मीदवार कौन होंगी, इस पर भी फैसला अगले तीन दिन में हो जाएगा।
बताया जा रहा है कि उम्मीदवार का चयन भाजपा के आंतरिक सर्वे, नमो एप के सर्वे और प्रभारियों के फीड बैक के आधार पर किया जाएगा। जिस तरह से पहली सूची में कुछ उम्मीदवारों पर सवाल खड़े हुए थे, उसके बाद पार्टी साफ छवि के उम्मीदवारों को लेकर कोई समझौता नहीं करने वाली।