नई दिल्ली। आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है ऐसे में सुबह-सवेरे ही देश के विभिन्न मंदिरों में हर-हर महादेव के जयघोष की गूंज शुरू हो गई है। शिव भक्तों ने मंदिर पहुंचकर शिवलिंग पर जल अभिषेक करके पूजा अर्चना की। दिल्ली एनसीआर समेत देश के भी सभी शिवालयों को खूब सजाया गया है।
भगवान भोलेनाथ के भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। देवों के देव महादेव भगवान शिव की आराधना के लिए मंदिर में सुबह ही भक्त पहुंचने शुरू हो गए थे। आज देशभर में बड़े ही शुभ योग में महाशिवरात्रि मनाई जा रही है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। सनातन धर्म में महाशिवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व होता है। इस पर्व पर पूरे दिन व्रत रखते हुए शिव मंदिरों में जलाभिषेक और विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था।
ॐ नमः शिवाय मंत्र जाप के लाभ
वेद-पुराणों के अनुसार शिव अर्थात सृष्टि के सृजनकर्ता को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ “ॐ नमः शिवाय”का जप ही काफी है। भोलेनाथ इस मंत्र से बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। इस मंत्र के जप से आपके सभी दुःख, सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और आप पर महाकाल की असीम कृपा बरसने लगती है। महाशिवरात्रि के दिन इस मंत्र का जाप 108 बार करें। यह मंत्र व्यक्ति के शरीर और दिमाग को शांत करता है और महादेव भी उसपर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
यह महामृत्युंजय जाप है। इस मंत्र को सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है।
भगवान शिव को भस्म क्यों प्रिय है ?
शिव पुराण के अनुसार भस्म धारण करने मात्र से ही सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है भस्म को शिव जी का ही स्वरूप माना गया है जो मनुष्य पवित्रता पूर्वक भस्म धारण करता है और शिव जी का गुणगान करता है उसे शिवलोक में आनंद मिलता है।