नई दिल्ली। चीन ने सियाचिन के नजदीक पाकिस्तान अधिग्रहित कश्मीर (PoK) में अवैध रूप से सड़क का निर्माण शुरू कर दिया है। सैटेलाइट तस्वीरों से इसका खुलासा हुआ है। पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से अधिग्रहित कश्मीर का एक हिस्सा साल 1963 में चीन को सौंप दिया गया था।
उसी इलाके में अब चीन द्वारा सड़क का निर्माण किया जा रहा है। चीन के शिनजियांग प्रांत से निकलने वाला हाइवे जी219 सियाचिन के नजदीक से होकर गुजर रहा है, जो कि भारत की उत्तरी सीमा के इंदिरा कोल इलाके से करीब 50 किलोमीटर दूर है।
मार्च से दो बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर चुके हैं सियाचिन का दौरा
गौरतलब है कि इंदिरा कोल इलाके का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बीते मार्च से दो बार दौरा कर चुके हैं। यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसी की सैटेलाइट ने इन तस्वीरों को लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते साल जून और अगस्त में इस हाइवे का निर्माण शुरू हुआ था। कारगिल, सियाचिन और पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा का जिम्मा भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स संभालती है।
इस कॉर्प्स के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा का कहना है कि चीन द्वारा बनाई जा रही ये सड़क पूरी तरह से अवैध है और भारत को कूटनीतिक तरीके से चीन के सामने इसका विरोध करना चाहिए।
भारत की सुरक्षा पर हो सकता है असर
चीन द्वारा सियाचिन के नजदीक बनाई जा रही सड़क का भारत की सुरक्षा पर असर पड़ने की आशंका है। दरअसल यह सड़क ट्रांस कराकोरम ट्रैक्ट इलाके में पड़ती है और यह इलाका ऐतिहासिक रूप से कश्मीर का हिस्सा है और इस पर भारत अपना दावा जताता है।
भारत के नक्शे में भी इस क्षेत्र को भारत का हिस्सा दिखाया गया है। ट्रांस-कराकोरम ट्रैक्ट करीब 5300 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला है। भारत के सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस हिस्से में यथास्थिति में बदलाव भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है।
आशंका है कि चीन अगर इस क्षेत्र में और निर्माण करता है तो इससे पहाड़ी इलाके में भारत की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। पाकिस्तान के गिलगित बाल्टिस्तान प्रांत में साल 2021 में पाकिस्तानी सरकार ने नए हाइवे के निर्माण का एलान किया था, जो कि मुजफ्फराबाद को मस्ताघ पास से जोड़ेगा।
मस्ताघ पास शक्सगाम घाटी से जुड़ता है। ऐसे में आशंका है कि चीन और पाकिस्तान का इस इलाके से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ाव हो सकता है।