जम्मू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे कश्मीर आने का सौभाग्य मिला है। हमें योग से जो शक्ति मिलती है, मैं श्रीनगर में उसे महसूस कर रहा हूं।
मैं देश के सभी लोगों और दुनिया के कोने-कोने में योग करने वालों को कश्मीर की धरती से योग दिवस की बधाई देता हूं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 10 वर्ष की ऐतिहासिक यात्रा पूरी कर चुका है।
‘177 देशों ने किया योग का समर्थन’
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा,” मैंने 2014 में संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था। भारत के उस प्रस्ताव का 177 देशों ने समर्थन किया था, जो अपने-आप में एक रिकॉर्ड था। तब से योग दिवस लगातार नए रिकॉर्ड बनाता जा रहा है। 2015 में दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 35 हजार लोगों ने एक साथ योग किया।”
‘योग पर हो रही रिसर्च’
पीएम मोदी ने कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा,”जम्मू कश्मीर योग-साधना की भूमि है। इससे उत्पादकता और सहनशक्ति बढ़ती है। योग से नए अवसर पैदा हुए हैं। योग केवल विद्या नहीं बल्कि विज्ञान है। योग से एकाग्रता बढ़ती है। योग पर अब रिसर्च हो रही है। योग टूरिज्म का नया ट्रेंड बन गया है।
‘एस्ट्रोनॉट भी करते योग’
पीएम मोदी ने ध्यान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सूचना और संचार के युग में ध्यान केंद्रित करना बहुत मुश्किल हो गया है। ऐसे में लोगों के लिए योग बहुत जरूरी हो गया है। यह सकारात्मक प्रयासों में सहयोग करता है। उन्होंने कहा- एस्ट्रोनॉट भी योग करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 101 साल बुजुर्ग महिला का जिक्र करते हुए कहा कि इस साल भारत में फ्रांस की 101 साल की महिला योगा शिक्षिका को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
वह कभी भारत नहीं आई लेकिन उन्होंने पूरा जीवन योग को लेकर जागरूकता फैलाने में लगा दिया। आज देश-दुनिया की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज और संस्थानों में योग पर रिसर्च हो रही है। योग पर रिसर्च पेपर पब्लिश हो रहे हैं।
साल 2015 में पहली बार मनाया गया योग दिवस
पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को योग दिवस मनाने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
इसके बाद पहली बार 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इसके बाद हर साल इस दिन दुनियाभर में लोग योग दिवस के रूप में मनाते हैं।