दिल्ली-पंजाब समेत 26 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी, अगले तीन दिनों तक जमकर बरसेंगे बादल

नई दिल्ली। मानसून ने अपने तय समय से छह दिन पहले यानी दो जुलाई को पूरे देश को कवर कर लिया है। देश के अधिकांश राज्यों में तेज बरसात हो रही है। पूर्वोत्तर के हिस्से में हालात ज्यादा खराब हैं।

मणिपुर और असम में बारिश से बाढ़ की स्थिति बन गई है। मणिपुर में स्कूल-कॉलेज बृहस्पतिवार तक बंद कर दिए गए हैं। वहीं, नगालैंड में बीते कुछ दिनों में बारिश संबंधी घटनाओं से करीब पांच लोगों की मौत हो चुकी है।

इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी

इस बीच मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, असम, नगालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम में अति भारी बारिश और 9 राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

अगले 24 घंटों में यहां बारिश का अनुमान

मौसम का आकलन करने वाली एजेंसी स्काईमेट का कहना है कि अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश संभव है।

पूर्वोत्तर भारत, बिहार, झारखंड, दिल्ली, पूर्वी गुजरात, तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा, मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़ और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

जबकि पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों, पूर्वी राजस्थान, विदर्भ, ओडिशा, केरल, हिमाचल प्रदेश, सौराष्ट्र और कच्छ और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, रायलसीमा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और तमिलनाडु में हल्की बारिश संभव है।

अगले तीन दिन के मौसम का हाल

मौसम विभाग के मुताबिक अगले चार दिनों के दौरान देश के उत्तर-पश्चिम और मध्य हिस्सों में बिजली और गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 3 और 4 जुलाई को कुछ स्थानों पर भारी से लेकर बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। उत्तराखंड में अगले तीन दिनों के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है।

नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, असम एवं मेघालय में 4 से 6 जुलाई के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं। मध्य महाराष्ट्र में 5 से 7 जुलाई के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

पूरे देश में बारिश के लिए अनुकूल हालात

IMD के अनुसार, पूरे देश में मानसूनी बारिश के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हैं। इसके चलते अगले चार दिनों तक जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पूर्व में ओडिशा और झारखंड और दक्षिण में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र, गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्य स्तर की बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

मानसून छह दिन पहले ही पूरे भारत में पहुंचा

जून के मध्य में धीमी प्रगति के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य तिथि से छह दिन पहले ही पूरे देश में पहुंच गया था। मानसून केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में 30 मई को पहुंचा था, जो सामान्य से दो से छह दिन पहले है। आईएमडी ने बताया कि मानसून अपने सामान्य समय से छह दिन पहले ही पूरे भारत में पहुंच गया।

16 दिन सामान्य से कम वर्षा

देश में 11 जून से 27 जून तक 16 दिन सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई, जिसके कारण जून में कुल मिलाकर सामान्य से कम वर्षा हुई। जून महीने में 147.2 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा हुई, जबकि इस महीने में सामान्य रूप से 165.3 मिमी वर्षा होती है, जो 2001 के बाद से सातवीं सबसे कम वर्षा है। देश में चार महीने के मानसून के दौरान होने वाली कुल वर्षा 87 सेंटीमीटर में से 15 प्रतिशत बारिश जून महीने में होती है।

पिछले वर्षों कैसी रही मानसून की चाल

आमतौर पर, दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून तक केरल में प्रवेश कर जाता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। मानसून 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटने लगता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।

IMD के आंकड़ों से पता चलता है कि यह लगातार तीसरा साल है जब मानसून ने तय समय से पहले पूरे देश को कवर किया है। 2022 और 2021 में मानसून ने दो जुलाई को पूरे देश को कवर कर लिया था। वहीं, 2011 से अब तक मानसून सात बार सामान्य तिथि से पहले देश के सभी हिस्सों में पहुंच चुका है।

पिछले साल मानसून केरल में आठ जून को पहुंचा था और दो जुलाई को पूरे देश में पहुंच गया था। इस तरह मानसून ने तय समय से छह दिन पहले पूरे देश को कवर कर लिया। पश्चिमी राजस्थान में आठ दिन की देरी से मानसून की वापसी 25 सितंबर को शुरू हुई।

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