पेरिस में आज होगा खेलों के महाकुंभ का आगाज, भारत के 117 खिलाड़ी कर रहे प्रतिभाग

पेरिस। खेलों के महाकुंभ पेरिस ओलंपिक 2024 का आज आगाज होगा। भारत के 117 खिलाड़ी इस वैश्विक टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने सर्वश्रेष्ठ करते हुए सात पदक जीते थे। इस बार भारतीय खिलाड़ियों का लक्ष्य पदकों की संख्या को दोहरे अंक में पहुंचाना होगा।

70 भारतीय खिलाड़ी पहली बार ओलंपिक में खेलेंगे

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने 117 खिलाड़ियों का दल पेरिस भेजा है। इसमें से 70 खिलाड़ी पहली बार ओलंपिक में खेलेंगे। 47 भारतीय खिलाड़ी ऐसे हैं, जो एक या उससे अधिक बार ओलंपिक में भाग ले चुके हैं। पेरिस ओलंपिक में एक बार फिर से नीरज चोपड़ा, मीराबाई चानू, लवलीना और पीवी सिंधू से पदक की उम्मीद है।

भारत ने अब तक कुल 35 पदक जीते

भारत ने अब तक ओलंपिक में कुल 35 पदक जीते हैं। इनमें 10 स्वर्ण, नौ रजत और 16 कांस्य पदक शामिल हैं। 2020 टोक्यो ओलंपिक भारत का अब तक का सबसे ओलंपिक रहा था, जिसमें इस राष्ट्र ने एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक समेत कुल सात पदक हासिल किए थे। इस बार भारतीय एथलीट अपने देश को दोहरे अंकों में पहुंचाने की कोशिश करेंगे।

टोक्यो ओलंपिक में भारत ने जीते सात पदक

टोक्यो ओलंपिक, 2020 में भारत ने कुल सात पदक जीते थे। ओलंपिक के इतिहास में यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। नीरज चोपड़ा ने 13 साल बाद ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण जीता था। इससे पहले 2008 में अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता था।

अभिनव के बाद नीरज दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है। उनसे पेरिस में भी ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद है। वहीं, टोक्यो में भारत ने दो रजत और चार कांस्य पदक भी जीते थे।

भारत के लिए आसान नहीं होगा सफर

खिलाड़ियों को चाहे विदेश में अभ्यास करवाना हो या उन्हें सर्वश्रेष्ठ सुविधा उपलब्ध करानी हो, किसी भी तरह से कोई कसर नहीं छोड़ी गई है और अब परिणाम देना खिलाड़ियों का काम है। इस हकीकत से भी मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है कि टोक्यो ओलंपिक के सात पदकों की संख्या की बराबरी करना भी आसान नहीं होगा।

भाला फेंक में मौजूदा ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा को छोड़कर कोई भी अन्य खिलाड़ी पदक का प्रबल दावेदार नहीं है। अन्य खेलों में भी कमोबेश यही स्थिति है और इस तरह से देखा जाए तो भारत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी पदार्पण करने वाले खिलाड़ियों पर होगी।

अनुभवियों पर होगी जिम्मेदारी

भारतीय दल में हालांकि कुछ अनुभवी खिलाड़ी भी शामिल हैं जिन्हें अपना खेल का स्तर बढ़ाना होगा। इन खिलाड़ियों में बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना, टेबल टेनिस के दिग्गज शरत कमल और हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश भी शामिल हैं जो निश्चित तौर पर अपना अंतिम ओलंपिक खेल रहे हैं।

हॉकी टीम की ओलंपिक खेलों से पहले फॉर्म बहुत अच्छी नहीं रही जबकि मुक्केबाजों और पहलवानों को प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करने का कम मौका मिला। निशानेबाजों ने भी ओलंपिक से पहले मिश्रित परिणाम हासिल किए।

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