बांग्लादेश हिंसा पर मोहन भागवत का संदेश, हिंदुओं की रक्षा के लिए भारत को बड़ा करने की जरूरत

नागपुर (महाराष्ट्र)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जब लाल किले की प्राचीर से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले पर चिंता जता रहे थे, करीब-करीब उसी समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने इस मसले पर सरकार को संदेश भी दिया।

उन्होंने बांग्लादेश में हिंसा के शिकार हिंदुओं की रक्षा करने के लिए हस्तक्षेप करने का संकेत भी दिया। मोहन भागवत ने कहा कि संकट में पड़े लोगों की मदद करने के लिए भारत को बड़ा करने की जरूरत है।

संकट में मदद करना भारत की परंपरा

78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नागपुर के आरएसएस मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। झंडा फहराने के बाद आरएसएस चीफ भारत माता की प्रतिमा की तिलक और पुष्प से वंदना की।

ध्वजारोहण के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पड़ोसी देश में बहुत उत्पात हो रहे हैं। वहां रहने वाले हिंदू बंधुओं को बिना कारण ही उसकी गर्मी झेलनी पड़ रही है। भारतवर्ष का दायित्व स्व की रक्षा और स्वयं की स्वतंत्रता तो है ही, साथ ही परंपरा यह भी रही है भारत अपने आपको दुनिया के उपकार के लिए बड़ा करता है।

पिछले वर्षों में भारत ने किसी पर हमला नहीं किया। जब-जब जो सकंट में था, उसकी मदद की। ये हमारा देश है। RSS प्रमुख ने कहा कि देश में इस स्वतंत्रता के लिए बलिदान करने वाला समूह और उनके पीछे खड़े होने वाले समाज के कारण हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। हमने जिनकी बड़ी मेहनत से स्वतंत्रता हासिल की, वह पीढ़ी तो चली गई लेकिन उसकी रक्षा करना हमारा आने वाली पीढ़ी का दायित्व है।

5 अगस्त के बाद से कट्टरपंथी बना रहे हैं हिंदुओं को निशाना

पांच अंगस्त को बांग्लादेश से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया गया। रिपोर्टस के मुताबिक बांग्लादेश के 48 जिलों में हिंदुओं पर हमले हुए और मंदिर तोड़े गए। कुल 278 स्थानों पर अल्पसंख्यकों की संपत्तियों की लूटपाट की गई।

लगातार मिल रहे धमकियों के कारण हिंदू समुदाय के लोग भारत की सीमा पर जमा हो गए और शरण मांगी। हमले के विरोध में बांग्लादेश में नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस के नेतृत्व में अल्पसंख्यकों को सड़क पर उतरना पड़ा।

रिपोर्टस के मुताबिक, आज भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सुरक्षा के लिए पूरी रात जाग रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति हिंसा से भारत में भी प्रतिक्रिया हो रही है। देश के कई हिस्सों में हमले के विरोध में जुलूस और रैलियां निकाली गईं।

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