नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग करने से नहीं फैलता प्रदूषण, होते हैं पर्यावरण अनुकूल: डा.लक्ष्मी नारायण मालवीय

लखनऊ। संत सनातन सेवा संस्थान के अध्यक्ष डा. लक्ष्मी नारायण मालवीय ने आज अक्षय ऊर्जा  दिवस की समस्त देश एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते  हुऐ इसके महत्व को बताया।

उन्होंने कहा कि आइये, इस दिवस पर हम सभी अक्षय ऊर्जा के विकास और उसे दैनिक जीवन अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करें और आने वाली पीढ़ी के भविष्‍य को सुरक्षित बनाने के लिए पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से निर्भरता को कम कर अधिक से अधिक अक्षय ऊर्जा का उपयोग करने का संकल्प करें।

मालवीय ने आगे कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा का सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि इनसे प्रदूषण नहीं फैलता है। यह पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।

नवीकरणीय ऊर्जा को ऊर्जा का स्थायी स्रोत माना जाता है, क्योंकि यह कभी खत्म नहीं होते हैं। इससे स्थायी रोजगार मिलता है। नवीकरणीय ऊर्जा के जरिए ऊर्जा की कीमतों में कमी लाई जा सकती है। 

उन्होंने कहा कि दरअसल नवीकरणीय ऊर्जा भी प्राकृतिक स्रोतों का उपयोग करके बनाई जाती है, लेकिन यह स्त्रोत कभी खत्म नहीं होते हैं। वायु ऊर्जा, सौर ऊर्जा, हाइड्रो पावर, बायोमास, जियोथर्मल इसके उदाहरण हैं।

यह स्त्रोत कभी समाप्त नहीं होते हैं और इन्हें लगातार नवीनीकृत किया जाता है। यही कारण है कि इन स्त्रोतों से प्राप्त ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा कहा जाता है। अक्षय ऊर्जा के विकास एवं आम जनों को अपने दैनिक उपभोग में प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

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