देहरादून। उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड में पंजीकृत मदरसों में जल्द ही विषय के रूप में संस्कृत भी पढ़ाई जाएगी। बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस संबंध में शीघ्र ही बोर्ड और संस्कृत शिक्षा विभाग के मध्य MoU हस्ताक्षरित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में आधुनिक मदरसों में संस्कृत पढ़ाई जाएगी। संस्कृत और अरबी दोनों प्राचीन भाषाएं हैं। यदि मौलवी को संस्कृत आ जाए और पंडितजी को अरबी तो इससे बेहतर क्या होगा।
कासमी ने कहा कि मदरसों में संस्कृत विषय को पढ़ाने के संबंध में संस्कृत शिक्षा विभाग से बातचीत चल रही है। प्रयास यह है कि जल्द से जल्द इस बारे में MoU हस्ताक्षरित हो जाए।
416 मदरसों में लागू किया गया NCERT पाठ्यक्रम
उन्होंने जानकारी दी कि बोर्ड में पंजीकृत सभी 416 मदरसों में NCERT पाठ्यक्रम लागू किया गया है। मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि मदरसों में पढऩे वाले बच्चे भी इंजीनियर, डॉक्टर, IAS, IPS बनें।
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल के दौरान मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि गाय, गंगा व हिमालय के संरक्षण के लिए चल रही मुहिम का असर है कि बीते एक वर्ष में गाय का अपमान कम हुआ है। गाय वह पशु है, जिसने देश के बच्चों केा दूध पिलाया है। इसीलिए उसे माता का दर्जा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जब हम हिमालय के संरक्षण की बात करते हैं तो स्वाभाविक रूप से जीवनदायिनी गंगा को पवित्र बनाए रखने का विषय आता है।
आज समाज के लोग इस बात को समझने लगे हैं। यही कारण है कि गंगा किनारे के मुस्लिम गांवों के लोग गंगा की स्वच्छता व निर्मलता को लेकर सजग हुए हैं।