वॉशिंगटन। खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रचने के मामले में लगातार विवाद बना हुआ है। पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप भारत पर लगाया गया। हालांकि, भारत इस बात से साफ इनकार कर चुका है।
अब एक बार फिर मामला गरमा गया है। अमेरिका ने बताया कि पिछले सप्ताह भारत की जांच समिति के साथ मूल्यवान बातचीत हुई थी। साथ ही इस साजिश के संबंध में अपनी-अपनी जांच को आगे बढ़ाने के लिए सरकारों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान किया गया था।
हालांकि, उसने यह भी कहा कि हम तब तक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होंगे, जब तक कि जांच से सार्थक जवाबदेही नहीं मिलती। अमेरिका के इस बयान से लगता है कि वह ब्रिक्स सम्मेलन में भारत के शामिल होने पर शायद खुश नहीं है।
‘भारतीय जांच समिति अपनी जांच जारी रखेगी’
अमेरिकी विदेश विभाग के उप मुख्य प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका समझता है कि भारतीय जांच समिति अपनी जांच जारी रखेगी और पिछले सप्ताह दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के आधार पर कोई भी कदम उठाते देखा जा सकता है।
पिछले सप्ताह की बातचीत के आधार पर…
पन्नू की हत्या की कथित नाकाम साजिश पर भारत को अमेरिकी सरकार के संदेश के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, ‘एक कदम पीछे हटने के लिए, पिछले हफ्ते भारत की जांच समिति के साथ मूल्यवान बातचीत हुई।
हमारी दोनों सरकारों के बीच जांच को आगे बढ़ाने के लिए जानकारी का आदान-प्रदान किया गया। हम समझते हैं कि भारतीय जांच समिति अपनी जांच जारी रखेगी और पिछले सप्ताह की बातचीत के आधार पर हमें उम्मीद है कि आगे के कदम देखने को मिलेंगे।’
इस मुद्दे पर ज्यादा बात नहीं करूंगा: पटेल
उन्होंने आगे कहा, ‘हम उस जांच के परिणामों के आधार पर जवाबदेही देखना चाहते हैं। निश्चित रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका तब तक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होगा जब तक कि उस जांच के परिणामस्वरूप सार्थक जवाबदेही नहीं होती है। इसके अलावा, मैं इस पर और अधिक विस्तार से बात नहीं करूंगा, क्योंकि यह एक ऐसा मुद्दा है जो सक्रिय है और हमारे दोनों देशों में इसकी जांच और चल रही है।’
क्या है मामला?
भारत की जांच समिति ने एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की नाकाम साजिश में भारत सरकार के पूर्व अधिकारी की संलिप्तता की जांच के लिए अमेरिका का दौरा किया है। पन्नू भारत द्वारा घोषित आतंकवादी है। उसके पास अमेरिका और कनाडा की नागरिकता है।
इससे पहले खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रचने के मामले में अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने न्यूयॉर्क की अदालत में एक भारतीय रॉ अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए थे।
संघीय अभियोजकों ने दावा किया कि अधिकारी की पहचान 39 वर्षीय विकास यादव के रूप में हुई है। वह कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था, जिसमें भारत की विदेशी खुफिया सेवा, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) शामिल है।
उस पर हत्या की नाकाम साजिश का कथित रूप से निर्देश देने और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए गए हैं। विकास यादव अब सरकारी कर्मचारी नहीं है। उन पर तीन मामलों में आरोप लगाए गए हैं, जिसमें सुपारी लेकर हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश शामिल है।
न्याय विभाग ने कहा था कि वह अभी भी फरार है। उसके सह-षड्यंत्रकारी निखिल गुप्ता को पिछले साल चेकोस्लोवाकिया में गिरफ्तार किया गया था और प्रत्यर्पण के बाद वह अमेरिकी जेल में बंद है।
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक बी. गारलैंड ने कहा था कि आरोपों से पता चलता है कि न्याय विभाग अमेरिकियों को निशाना बनाने और उन्हें खतरे में डालने तथा हर अमेरिकी नागरिक के अधिकारों को कमजोर करने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
FBI निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा था कि आरोपी एक भारतीय सरकारी कर्मचारी है। उसने कथित तौर पर एक आपराधिक सहयोगी के साथ मिलकर साजिश रची और अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या करने का प्रयास किया।
भारत ने किया आरोपों का खंडन
हालांकि, भारत सरकार ने अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या करने की ऐसी साजिश से अपने जुड़ाव या संलिप्तता से इनकार किया है। अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद नई दिल्ली ने मामले की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की थी।
अमेरिका ने इस मामले में भारत से मिले सहयोग पर संतोष व्यक्त किया है। दूसरे अभियोग को खोलने का काम भारतीय जांच समिति द्वारा इन मुद्दों पर FBI, न्याय विभाग और विदेश विभाग के अधिकारियों की एक अंतर-एजेंसी टीम के साथ बैठक करने के लिए यहां आने के 48 घंटे के भीतर हुआ है।