नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकी और गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) छह मामलों की जांच कर रही है। पन्नू पर आरोप है कि वे खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल हैं और भारत सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
NIA ने अमृतसर में उनकी तीन संपत्तियों को भी जब्त कर लिया है। हालांकि, पन्नू की अपील के बाद उनके खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस वापस ले लिया गया है।
पन्नू की हत्या की साजिश केस में अमेरिका कर रहा जांच
दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका के न्याय विभाग भी पन्नू के खिलाफ एक हत्या की साजिश की जांच कर रहा है, जिसमें एक भारतीय अधिकारी का नाम सामने आया है। हाल ही में इस मामले में एक पूर्व सरकारी अधिकारी को हत्या के इरादे से पैसे लेने के आरोप में दोषी ठहराया गया है।
पन्नू पहली बार 2015 में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आया था जब उसने सिख प्रवासियों के बीच ‘रेफरेंडम 2020’ का मुद्दा उठाया था। उसी दौरान पंजाब में खालिस्तान समर्थक एलिमेंट बढ़े थे, जिन पर रंगदारी और धार्मिक और राजनीतिक नेताओं की हत्या का आरोप था।
गृह मंत्रालय ने सिख फॉर जस्टिस पर लगाया बैन
पन्नू और अन्य खालिस्तान समर्थक समूह सोशल मीडिया पर जोर-शोर से प्रचार कर रहे थे। इसके बाद 2019 में गृह मंत्रालय ने सिख फॉर जस्टिस पर बैन लगा दिया और एक साल बाद पन्नू को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आतंकवादी घोषित कर दिया।
हालांकि, अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा एक भारतीय नागरिक को दोषी ठहराए जाने के बाद विदेश मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है।
2020 में NIA ने दर्ज की थी पहली FIR
NIA ने पन्नू के खिलाफ पहली FIR 2020 में दर्ज की थी, जब उन्हें आतंकवादी घोषित किया गया था। 2020 के किसान आंदोलन के बाद, उनके खिलाफ UAPA के तहत दूसरा मामला दर्ज किया गया था। NIA ने इस मामले में जनवरी 2021 में कई प्रदर्शनकारियों से गवाह के तौर पर पूछताछ की थी।
पिछले साल सितंबर में, NIA की एक अदालत ने UAPA के तहत पन्नू की अमृतसर और चंडीगढ़ में दो संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया था। बाद में अमृतसर में उनकी एक और संपत्ति भी जब्त कर ली गई।
हाल में एक और नई FIR दर्ज
UAPA मामलों और एसएफजे पर बैन के आधार पर, एनआईए ने पिछले साल पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की थी। हालांकि, इंटरपोल ने सदस्य देशों द्वारा सहयोग की कमी का हवाला देते हुए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। हाल ही में एयर इंडिया को मिली धमकियों के बाद, पिछले साल नवंबर में एक नई एफआईआर दर्ज की गई।
पन्नू पर कई गंभीर आरोप
पन्नू पर लंदन में भारतीय उच्चायोग में तिरंगा उतारने और भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच के दौरान नरेंद्र मोदी स्टेडियम में तोड़फोड़ की धमकी देने जैसे मामलों में भी शामिल होने का आरोप है।
2021 में लुधियाना की एक अदालत में हुए विस्फोट के बाद, भारत, पाकिस्तान और अन्य जगहों से एक्स पर खालिस्तान समर्थक पोस्ट की बाढ़ आ गई थी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, ‘2015 के बाद से पाकिस्तान स्थित सरकारी और गैर-सरकारी तत्वों, और अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और यूरोप में सक्रिय आतंकवादियों द्वारा पंजाब को अस्थिर करने के प्रयास बढ़े हैं।
पिछले तीन साल में, संगठित अपराध गिरोहों और भगोड़े आतंकवादियों के साथ गठजोड़ करके इसने गति पकड़ी है। नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले नेटवर्क ने इस गठजोड़ को समर्थन दिया है और सीमा पार से तस्करी करके पाकिस्तान से हथियार मुहैया कराए हैं।’