मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति को जबरदस्त जनादेश मिला है। 288 सदस्यों वाली विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन को 236 सीटें मिलीं और विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) 49 सीटों पर सिमट गया।
महायुति को मिली सीटें महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी या गठबंधन को अब तक मिली सर्वाधिक सीटें हैं। इससे पहले 1972 में कांग्रेस को 222 सीटें मिली थीं।
उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस अपने-अपने मजबूत गढ़ों में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। इस चुनाव में कई राजनीतिक परिवार के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ खड़े थे। कई सीटों पर उम्मीदवारों को अपने ही परिवार के सदस्यों से हार का सामना करना पड़ा।
चाचा ने भतीजे को दी मात
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने अपने सगे भतीजे को चुनाव में शिकस्त दी है। बारामती विधानसभा चुनाव पर अजित पवार की लड़ाई उनके बड़े भाई के बेटे युगेंद्र पवार से थी। अजित पवार ने अपने भतीजे को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराया है। अजित पवार लगातार आठवीं बार इस विधानसभा सीट से चुनाव जीते।
संजना जाधव ने पूर्व पति को हराया
छत्रपति संभाजीनगर जिले के कन्नड़ विधानसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे की बेटी संजना जाधव अपने पूर्व पति के खिलाफ ही चुनाव लड़ रहीं थीं।
उन्होंने अपने से अलग हो चुके पति हर्षवर्द्धन जाधव को चुनाव में हराया। संजना ने हर्षवर्द्धन को करीब 18 हजार वोटों के अंतर से हराया।
अहेरी विधानसभा सीट पर पिता-बेटी की हुई लड़ाई
गढ़चिरौली के अहेरी विधानसभा क्षेत्र में पिता और बेटी की लड़ाई चल रही थी। एनसीपी के नेता और राज्य मंत्री धरमरावबाबा अत्राम अपनी बेटी के ही खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। इस सीट पर पिता ने अपनी बेटी, भाग्यश्री आत्राम को मात दिया।
भाई-बहन के बीच हुई टक्कर
नांदेड़ के लोहा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पूर्व लोकसभा सदस्य प्रताप पाटिल चिखलीकर ने एनसीपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। उन्होंने अपनी बहन आशाबाई शिंदे को चुनाव में शिकस्त दी।
ठाकरे परिवार में एक भाई हारे तो एक जीते
इस चुनाव में ठाकरे परिवार की भी खूब चर्चा हो रही थी। एक तरफ जहां, उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे वर्ली से चुनाव लड़ रहे थे।
वहीं, राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे माहिम सीट से चुनाव लड़ रहे थे। चुनाव रिजल्ट की बात करें तो आदित्य ठाकरे चुनाव में विजयी हुए। वहीं, अमित ठाकरे को हार का सामना करना पड़ा।