फिरौती लेने आया बदमाश एनकाउंटर में घायल, Jio के मैनेजर को सकुशल छुड़ाया

मुरादाबाद। उप्र विशेष कार्य बल (UPSTF) और हाथरस पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मुरादाबाद के सिविल लाइंस क्षेत्र में नंदन स्वीट्स के पास मुठभेड़ हुई। इसमें अपहरणकर्ता विशाल गोली लगने से घायल हो गया। घायल विशाल अल्मोड़ा जिले के धारानौला थाना क्षेत्र के रजपुरा गांव का रहने वाला है।

पुलिस के अनुसार, हाथरस में अपहरण की घटना को अंजाम देने के बाद अपहरणकर्ता फिरौती की रकम लेने के लिए मुरादाबाद आए थे। मुठभेड़ के दौरान विशाल के गले से गोली निकलकर उसके सीने को पार कर गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने घायल को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी हालत नाजुक होने के चलते उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।

अभिनव को सकुशल बरामद किया

मुठभेड़ के बाद पुलिस ने बंधक युवक अभिनव को सकुशल बरामद कर लिया। STF और पुलिस ने सूचना के आधार पर अपहरणकर्ताओं का पीछा किया और मुरादाबाद में घेराबंदी कर मुठभेड़ को अंजाम दिया।

एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि हाथरस में हुए अपहरण के मामले में STF और हाथरस पुलिस की अपहरणकर्ताओं से मुठभेड़ हुई है। जिसमें विशाल नाम का व्यक्ति घायल हुआ है।

जिओ फाइबर कंपनी में कार्यरत हैं अभिनव भारद्वाज

मूलरूप से बिहार के बेगूसराय निवासी अभिनव भारद्वाज जिओ फाइबर कंपनी में मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं। उनके माता-पिता और स्वजन वर्तमान में गाजियाबाद के गोल चक्कर इलाके में रहते हैं।

दिल्ली के सोनिया विहार इलाके में उनकी ससुराल है। अभिनव की तैनाती दो वर्ष से हाथरस में है। वह पत्नी स्वीटी भारद्वाज और बेटा अंश भारद्वाज के साथ हाथरस के नवल नगर इलाके में रह रहे थे।

दोस्तों संग लंच करने की बात कहकर निकले थे

पत्नी के अनुसार वह एक जनवरी की दोपहर एक बजे सिकंदराराऊ में दोस्तों के साथ लंच करने की कहकर निकले थे। इस बीच उनकी कई बार पति से बात होती रही। शाम सात बजे के बाद उनसे बातचीत बंद हो गई।

रात को नौ बजे अभिनव के नंबर से पत्नी पर फोन आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने अभिनव के अपहरण की बात कही। खुद को टिल्लू ताजपुरिया गैंग का सदस्य बताते हुए 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी।

गुरुवार को वह अपने स्वजन के साथ कोतवाली हाथरस गेट पहुंची थीं और पुलिस को पूरी घटना के बारे में अवगत कराया। पुलिस ने टिल्लू ताजपुरिया गैंग के अज्ञात बदमाशों अपहरण का अभियोग पंजीकृत कर टीमें गठित की थीं।

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