
नई दिल्ली। पाकिस्तान के ‘आतंकिस्तान’ बनने को विश्व स्तर पर बेनकाब करने के लिए भारत सरकार ने एक कूटनीतिक योजना बनाई है, जिसके तहत भारत की ओर से बहुदलीय सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल कई देशों का दौरा करेगा।
पाकिस्तान होगा बेनकाब
पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के समर्थन को उजागर करने के लिए भारत का ये डेलिगेशन अलग-अलग देशों में जाकर अपनी बात रखेंगे और भारत के ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देंगे।
ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले हैं।
प्रतनिधिमंडल में कौन-कौन हैं शामिल?
इस लिस्ट में कांग्रेस, NCP (शरद पवार), जेडीयू और कई दलों के सांसदों को शामिल किया है। यह संसद सदस्य सात प्रतनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे-
शशि थरूर, कांग्रेस
रविशंकर प्रसाद, बीजेपी
संजय कुमार झा, जदयू
बैजयंत पांडा, बीजेपी
कनिमोझी करुणानिधि, डीएमके
सुप्रिया सुले, एनसीपी
श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शिवसेना
दुनिया को पता चलेगी भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
मंत्रालय ने बताया कि यह प्रतिनिधिमंडल भारत द्वारा आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करेंगे। मंत्रालय ने कहा, “वे आतंकवाद के खिलाफ भारत के ‘जीरो टॉलरेंस’ वाली नीति को दुनिया के सामने ले जाएंगे।”
किरेन रिजिजू के नेतृत्व में होगी यात्रा
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू इस अंतरराष्ट्रीय दौरे के समन्वय प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं, जो भारत की कूटनीतिक पहुंच में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह पहली बार होगा कि केंद्र सरकार कश्मीर और पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट करने के लिए कई दलों के सांसदों को नियुक्त करेगी।
सबूत तैयार करने में जुटी सरकार
हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय और अन्य एजेंसियां वर्तमान में पाकिस्तान के खिलाफ आरोपों को पुख्ता करने के लिए तथ्यों और उदाहरणों से युक्त दस्तावेज तैयार कर रही है।