‘मैं दोषी हूं…’, MI के IPL से बाहर होने की हार्दिक ने ली जिम्मेदारी; बताया कहां हुई चूक

नई दिल्ली। मुंबई इंडियंस का आईपीएल 2025 क्वालीफायर-2 में पंजाब किंग्स से सामना हुआ। इस मैच में श्रेयस अय्यर नेकी 87 रनों की नाबाद पारी के दम पर पंजाब किंग्स ने मुंबई को 5 विकेट से मात दी। इस मैच में मिली जीत के साथ पंजाब की टीम ने 11 साल बाद आईपीएल फाइनल में जगह बनाई।

जहां अब फाइनल में पंजाब का मुकाबला रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से 3 जून को होगा। वहीं, हार के साथ मुंबई इंडियंस का खिताब जीतने का सपना टूट गया। पंजाब के हाथों मिली हार के बाद मुंबई के कप्तान हार्दिक पांडया बेहद ही निराश नजर आए। उन्होंने मैच के बाद मुंबई की हार का जिम्मा खुद पर लिया।

IPL 2025 से OUT होने के बाद क्या बोले हार्दिक?

दरअसल, मुंबई इंडियंस की टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 204 रन का टारगेट पंजाब किंग्स को दिया। यह फ्रेंचाइजी के इतिहास में पहली बार रहा जब किसी विरोधी टीम ने उनके खिलाफ 200 से ज्यादा रन का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया।

इस चौंकाने वाले रिकॉर्ड के साथ ही मुंबई की टीम का आईपीएल 2025 का सफर भी खत्म हुआ। मैच में पंजाब के खिलाफ मिली हार के बाद हार्दिक पांड्या ने मुंबई की हार का खुद को कसूरवार ठहराया। उन्होंने बताया कि टीम से कहां चूक हुई।

पंजाब किंग्स की बल्लेबाजी पर बात करते हुए हार्दिक ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में श्रेयस अय्यर की तारीफ की जिस तरह से उन्होंने लक्ष्य का पीछा किया।

हार्दिक ने कहा, “हाँ निश्चित रूप से खासकर श्रेयस ने जिस तरह से बल्लेबाजी की, उन्होंने मौके लिए और कुछ शॉट्स जो उन्होंने खेले वे शानदार थे।”

बता दें कि अय्यर ने अपनी पारी में 8 गगनचुंबी छक्के जड़े। अश्विनी कुमार के 19वें ओवर में भी उन्होंने सिक्स लगाए। अय्यर ने मैच में 41 गेंदों का सामना करते हुए 87 रन की नाबाद पारी खेली। उनके बल्ले से 5 चौके भी निकले और उनका स्ट्राइक रेट 212 का रहा।

हार्दिक ने पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन में मुंबई की हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा “मैं इसका दोष खुद पर लेता हूं। शायद मैं अपने खिलाड़ियों को थोड़ा बेहतर तरीके से मैनेज कर सकता था।

मुझे लगता है कि यह बराबर था, लेकिन एक गेंदबाजी इकाई के रूप में इसे शानदार प्लान के साथ खेलना था, एक बड़े खेल में यह मायने रखता है, वे वास्तव में शांत थे, उन्होंने हमें दबाव में डाल दिया और हम प्रदर्शन नहीं कर सके।”

जब उनसे पूछा गया कि क्या जसप्रीत बुमराह को 17वें ओवर में गेंदबाजी करनी चाहिए थी (जब 4 ओवर में 41 रन की जरूरत थी), तो उन्होंने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा, “अगर हम बुमराह को पहले गेंदबाजी करते तो यह बेहतर होता,

लेकिन यह थोड़ा जल्दी हो सकता था। बूम को जानते हुए, स्थिति यह है कि भले ही 18 गेंदें बची हों, जस्सी जस्सी बन सकती है और कुछ खास कर सकती है। दुर्भाग्य से आज ऐसा नहीं हुआ।”

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