
लंदन। इंग्लैंड दौरे पर गई शुभमन गिल की अगुआई वाले अपेक्षाकृत अनुभवहीन भारतीय बल्लेबाजी क्रम को स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन का नाम इंग्लैंड की टीम में नहीं देखकर राहत मिली होगी।
पिछले दो दशक में यह तेज गेंदबाज निरंतर भारत-इंग्लैंड प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा रहा है।
एंडरसन ने भारत के खिलाफ 2007 में अपने घर में पहली टेस्ट सीरीज खेली थी और वह 2021/22 में पिछले दौरे पर भी इंग्लिश टीम का हिस्सा रहे थे।
वहीं, ब्रॉड ने भारत के खिलाफ अपने घर में पहली टेस्ट सीरीज 2011 में खेली थी और वह भी 2021/22 में पिछले दौरे पर भी इंग्लिश टीम का हिस्सा रहे थे।
इस बीच भारतीय टीम जितनी भी बार इंग्लैंड दौरे पर गई, इन दोनों ने कहर बरपाया।
इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि 2007 में भारत ने पिछली बार इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज जीती थी। इसके बाद टीम इंडिया ने तीन टेस्ट सीरीज गंवाई है, जबकि एक (2021/22) ड्रॉ रहा है।
पिछले दौरे पर एंडरसन और ब्रॉड इंग्लैंड का हिस्सा जरूर थे, लेकिन ब्रॉड ने सिर्फ दो टेस्ट खेले थे, जबकि एंडरसन ने पांचों टेस्ट खेले थे और रॉबिन्सन के साथ मिलकर कहर बरपाया था।
अब एंडरसन और उनके जोड़ीदार ब्रॉड, दोनों ने ही क्रिकेट से संन्यास ले लिया है और यह टीम इंडिया के लिए राहत की बात है।
एंडरसन-ब्रॉड ने दुनिया के तमाम बल्लेबाजों को परेशान कियाइन दोनों महान तेज गेंदबाजों ने अपनी आखिरी सीरीज तक भारतीय बल्लेबाजों समेत दुनिया के हर बल्लेबाज को परेशान किया है।
साल 2000 के दशक के अंत में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के साथ एंडरसन का संघर्ष हो या पिछले दशक में विराट कोहली के साथ कहीं अधिक रोमांचक मुकाबला, ये सभी यादें लोगों के दिमाग में ताजा हैं।
वहीं, ब्रॉड की रिवर्स स्विंग ने हर बल्लेबाज को चकमा दिया। धोनी, रहाणे से लेकर कोहली और केएल राहुल तक इस बल्लेबाज ने सभी को शानदार गेंदों पर पवेलियन भेजा है।
42 वर्ष की उम्र में भी एंडरसन में काफी दमखम
हालांकि, ब्रॉड और एंडरसन दोनों अब क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं। जोफ्रा आर्चर और मार्क वुड चोटिल हैं जिससे इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स परेशान जरूर होंगे।
ऐसे में उनका मन जरूर कर रहा होगा कि रिकॉर्ड 704 टेस्ट विकेट चटकाने वाले एंडरसन को संन्यास से वापस बुलाया जाए और उन्हीं से लीड्स में पहले टेस्ट में गेंदबाजी की शुरुआत कराई जाए।
42 साल के एंडरसन अभी भी भारतीय बल्लेबाजों को परेशान करने की क्षमता रखते हैं।
हाल ही में एंडरसन ने अपनी विदाई के 12 महीने बाद काउंटी क्रिकेट में वापसी की और संघर्ष कर रही टीम लंकाशायर को उबारा। ऐसे में वह इंग्लैंड के कमजोर आक्रमण के लिए भी ऐसा कर सकते हैं।
भारत-इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास में खुद को कर लिया अमर
अपने 21 साल के करियर में अपने प्रदर्शन के दम पर एंडरसन ने भारत-इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास में खुद को अमर कर लिया है। दोनों टीम के बीच टेस्ट सीरीज की ट्रॉफी को उनका और सचिन तेंदुलकर का नाम दिया गया है।
तेंदुलकर को नौ बार किया आउट
एंडरसन ने सचिन तेंदुलकर को टेस्ट क्रिकेट में नौ बार आउट किया है।
एंडरसन न केवल उम्र को चुनौती देते हुए लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते रहे बल्कि उनके करियर की खासियत लगातार सटीक गेंदबाजी और गेंद को दोनों तरफ स्विंग करने की क्षमता पर बेहतरीन नियंत्रण रहा।
कोहली को भी खूब किया परेशान
एंडरसन 2014 की सीरीज में कोहली की ऑफ स्टंप के आसपास की कमजोरी का फायदा उठाने में सफल रहे।
चार साल बाद कोहली ने अपनी मानसिक कमजोरी पर काबू पाकर लंबे प्रारूप में दुनिया के सबसे सफल तेज गेंदबाज पर दबदबा बनाया।
शुक्रवार को केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल की संभावित भारतीय सलामी जोड़ी के सामने इस बात का सुकून होगा कि उन्हें नई ड्यूक्स गेंद के साथ एंडरसन या ब्रॉड गेंदबाजी नहीं कर रहे होंगे।
भारतीय सरजमीं पर भी एंडरसन का रहा है बोलबाला
भारत के खिलाफ 39 टेस्ट मैच में एंडरसन ने 25.47 की शानदार औसत से 149 विकेट चटकाए।
यहां तक कि भारत की पिचों पर सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों को संघर्ष करना पड़ा, लेकिन एंडरसन ने अपने कौशल की बदौलत विपरीत परिस्थितियों में 17 टेस्ट मैच में 44 विकेट लिए।वहीं, अपनी धरती पर एंडरसन ने 22 मैचों में 105 विकेट चटकाए।
वहीं, ब्रॉड ने भारत के खिलाफ 24 टेस्ट में 74 विकेट चटकाए। ब्रॉड ने अपने घर में भारत के खिलाफ 16 टेस्ट में 64 विकेट झटके। जब भारत का इंग्लैंड दौरा कर रहा होता था तो एंडरसन से घातक ब्रॉड नजर आते थे।