
नई दिल्ली। योग हमारे शरीर और मन, दोनों के लिए जरूरी है। योग की शुरुआत प्राचीन भारत में हुई थी। आज भी लोग हेल्दी रहने के लिए योग को रूटीन का हिस्सा बना रहे हैं।
योग करने से मन, शरीर और आत्मा संतुलित रहते हैं।इसकी शुरूआत भले ही भारत में हुई हो, लेकिन पूरी दुनिया में योग को चमत्कार माना जाता है।
अगर आप रोजाना योग करते हें तो चिंता, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं आपके आसपास भी नहीं भटकती हैं। ये मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी होता है।वहीं कुछ लोग तनाव से मुक्ति पाने के लिए ट्रैवल करना पसंद करते हैं।
आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव से छुटकारा पाने का एकमात्र जरिया ट्रैवल ही है। ऐसे में कुछ लोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर ट्रैवल करना पसंद करते हैं तो कुछ शांति की तलाश में रहते हैं। ताकि वे यहां जाकर सुकून के पल बिता सकें।
जैसा कि आपको मालूम है कि हर साल 21 जून को International Yoga Day 2025 मनाया जाता है। आज इस खास मौके पर हम आपको माइंडफुल ट्रैवल के बारे में बताने जा रहे हैं।
Mindful Travel क्या होता है?
Mindful का सीधा मतलब ये होता है किसी पल को पूरी तरह से एंजॉय करना। उदाहरण के तौर पर समझें तो अगर आप कहीं घूमने के लिए गए हैं तो वहां की संस्कृति, माहौल, ताजी हवा को अपने अंदर समा जाने दें। आप उस जगह से बिल्कुल जुड़ जाते हैं।
क्या हैं इसके फायदे
माइंडफुल ट्रैवल करने से दिमाग को आराम मिलता है। आप मोबाइल और लैपटॉप जैसी चीजों से कुछ समय के लिए दूर हो जाते हैं।
जब आप नेचर को एंजॉय करते हैं तो इससे हमारा दिमाग रिफ्रेश होता है। तनाव कम करने में भी मदद मिलती है।
माइंडफुल ट्रैवल में हमें सिर्फ बाहर की दुनिया देखने का नहीं, बल्कि खुद से भी जुड़ने का मौका मिलता है। जब आप नेचर से करीब से जुड़ते हैं तो आप खुद को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं।
माइंडफुल ट्रैवल पर्यावरण को नुकसान भी कम होता है क्योंकि यात्री बेवजह की एक्टिविटीज को दरकिनार कर आप शांति को चुनते हैं।
माइंडफुल ट्रैवल में लोग कम जगहों पर घूमने के लिए जाते हैं, लेकिन जितनी जगह जाते हैं, वहां के हर पल को एंजॉय करते हैं।
कैसे करें माइंडफुल ट्रैवल?
मोबाइल से दूरी बनाएं।
ऑफलाइन अपनी लाइफ को एंजॉय करें।
हर जगह को देखें और उसे महसूस करें।
लोकल के लोगों से बात करें।
डायरी में अपनी फीलिंग्स को नोट करें।