
नई दिल्ली। यमन में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया के बारे में कई सारी गलत जानकारियां फैलाई जा रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, निमिषा की फांसी रद नहीं हुई है। निमिषा प्रिया को मर्डर केस के मामले में यमन की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। हालांकि, आखिरी समय पर फांसी को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था।
अबूबकर ने किया था दावा
भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने दावा किया था, “निमिषा की फांसी पहले रोकी गई थी, लेकिन अब इसे रद कर दिया गया है। सना में हाई लेवल बैठक के बाद यमन ने निमिषा की फांसी रद करने का फैसला लिया है।”
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
17 जुलाई को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मामले को संवेदनशील बताते हुए कहा था कि भारत ने निमिषा को बचाने की हर मुमकिन कोशिश कर ली है।
रणधीर जायसवाल के अनुसार यह मामला बेहद संवेदनशील है और सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है। हमने परिवार के लिए वकील नियुक्त किया है। हम स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं।
पिछले दिनों भारत सरकार ने थोड़ा और समय मांगा था। सरकार समेत कई लोगों के प्रयास के बाद यमन ने निमिषा की फांसी की तारीख आगे बढ़ा दी।
फांसी टलने की पुष्टि नहीं
विदेश मंत्रालय ने निमिषा के परिवार की मदद करने के लिए वकील भी नियुक्त किया था। शरिया कानून के मुताबिक निमिषा को बचाने के सभी हथकंडे अपनाए गए। निमिषा की फांसी को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है।
16 जुलाई को होनी थी फांसी
निमिषा प्रिया पर मर्डर का आरोप है और यमन में मर्डर के बदले मौत की सजा का प्रावधान है। ऐसे में निमिषा को 16 जुलाई को फांसी की सजा होनी थी।
लेकिन भारत सरकार और केरल के कई मुस्लिम संगठनों की पहल के बाद सजा को टाल दिया गया। वहीं, अब ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय के दावे और बाद में उसके खंडन से निमिषा की सजा को लेकर संशय पैदा हो गया है।