पुतिन ने खारिज की जेलेंस्की की रूस में सत्ता परिवर्तन की अपील, कहा- उनकी कुर्सी खतरे में

मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग थम नहीं रही है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की मॉस्को में सत्ता परिवर्तन की अपील को खारिज कर दिया। पुतिन ने कहा कि जेलेंस्की की खुद की कुर्सी खतरे में है। उनके पास सांविधानिक वैधता का अभाव है।

इससे पहले जेलेंस्की ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय समर्थक रूसी सरकार को हटाने में मदद करें। उन्होंने चेतावनी दी थी कि मौजूदा संघर्ष में युद्धविराम होने पर भी मॉस्को पड़ोसी देशों को अस्थिर करने की कोशिश करेगा।

पुतिन ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ लेक लाडोगा क्षेत्र में वालम मठ का दौरा किया। इस दौरन जेलेंस्की की अपील पर पलटवार करते हुए हुए पुतिन ने कहा कि हमारी राजनीतिक व्यवस्था रूसी संघ के संविधान पर आधारित है और हमारी सरकार मूल कानून के पूर्ण अनुपालन में बनी है। हालांकि यूक्रेन के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता।

पिछले साल खत्म हो चुका है जेलेंस्की का कार्यकाल

2019 में निर्वाचित यूक्रेनी राष्टपति जेलेंस्की का कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो चुका है। इसके बाद भी वे पद पर बने हुए हैं। युद्ध के दौरान चुनावों को स्थगित करने के लिए उन्होंने मार्शल लॉ प्रावधान का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इससे पहले पुतिन ने कहा था कि यूक्रेनी संविधान के अनुसार अगर कोई उत्तराधिकारी नहीं चुना जाता है, तो राष्ट्रपति की शक्ति संसद के अध्यक्ष को हस्तांतरित की जानी चाहिए।

हालांकि यह यूक्रेन का आंतरिक मामला बताया है, लेकिन रूस के साथ संभावित शांति समझौते सहित उनके द्वारा किए जाने वाले किसी भी अंतरराष्ट्रीय समझौते की कानूनी वैधता नहीं है। रूसी अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि ऐसे समझौतों को बाद में संवैधानिक आधार पर चुनौती दी जा सकती है।

वहीं हाल के सर्वे से पता चला है कि जेलेंस्की प्रतिस्पर्धी चुनाव में हार सकते हैं और सेवानिवृत्त जनरल वालेरी जालुज्नी एक प्रमुख विकल्प के रूप में उभर रहे हैं।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कही थी ये बात

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से मास्को में शासन परिवर्तन का समर्थन करने का आह्वान किया था।

हेलसिंकी समझौते की 50वीं वर्षगांठ पर जेलेंस्की ने कहा था कि मेरा मानना है कि रूस पर इस युद्ध को रोकने के लिए दबाव डाला जा सकता है,

लेकिन अगर दुनिया रूस में सत्ता परिवर्तन का इरादा नहीं रखती है, तो इसका मतलब है कि युद्ध समाप्त होने के बाद भी मास्को पड़ोसी देशों को अस्थिर करने की कोशिश करता रहेगा। उन्होंने रूस पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाने पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा कि रूसी संपत्तियों को जब्त करने का समय आ गया है, न कि उन्हें केवल फ्रीज करने का। पश्चिमी देशों को हर जब्त रूसी संपत्ति को रूस के आक्रमण से बचाव के लिए काम में लगाना चाहिए।

समझौते को कमजोर करने का आरोप

रूसी अधिकारियों ने पश्चिम पर हेलसिंकी समझौते को कमजोर करने का आरोप लगाया। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि चल रहा संघर्ष पश्चिम द्वारा समझौते के मूल सिद्धांत, समान और अविभाज्य सुरक्षा के साथ विश्वासघात का सीधा परिणाम है।

लावरोव ने यूरोपीय संघ पर चौथे रैह की ओर बढ़ने का आरोप लगाया। उन्होंने बढ़ते रूसोफोबिया और सैन्यीकरण का हवाला दिया।

इस बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आरोप लगाया कि पश्चिमी सरकारें अपने ही नागरिकों को गुमराह कर रही हैं ताकि वे बढ़े हुए सैन्य बजट को सही ठहरा सकें और आर्थिक विफलताओं को छिपा सकें। इस तनाव के बावजूद मॉस्को ने यूक्रेन के साथ शांति वार्ता की अपनी इच्छा दोहराई है।

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