
लखनऊ। सालाना फास्टैग की सुविधा 15 अगस्त की आधी रात से शुरू हो गई है। वार्षिक फास्टैग से एक साल में 200 बार टोल प्लाजा से निकला जा सकता है। यदि 365 दिन से पहले 200 बार टोल पार कर लिया तो फास्टैग को दोबारा रिचार्ज कराना पड़ेगा।
यह सुविधा निजी चार पहिया वाहनों को ही मिलेगी। टोलप्लाजा कर्मियों को इसका प्रशिक्षण भी दिया गया। लखनऊ शहर के आसपास के टोल से औसतन 15000 कारें, जीप, वैन निकलती हैं। इनमें से लगभग एक हजार चार पहिया वाहन टैक्सी कोटे के और शेष निजी वाहन होते हैं।
कमोबेश इतने ही इन श्रेणियों के निजी वाहन कानपुर-प्रयागराज राजमार्ग, कानपुर-सागर राजमार्ग, कानपुर-लखनऊ राजमार्ग से निकलते हैं। चेचिस नंबर से फास्टैग बनवाने वालों को गाड़ी नंबर दर्ज कराना अनिवार्य होगा। जिनमें यह नंबर नहीं है, उन्हें वार्षिक फास्टैग की सुविधा नहीं मिलेगी।
हो सकेगी वार्षिक प्री बुकिंग
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पंकज यादव ने बताया कि निजी वाहन मालिक राजमार्ग यात्रा एप से अभी वार्षिक फास्टैग की प्री बुकिंग करा सकेंगे। उनके फास्टैग 15 अगस्त को रात 12 बजते ही एक्टिवेट हो गए होंगे।
एक बार टोल प्लाजा क्रास करते ही वाहन मालिक के पास इसका मैसेज और शेष सुविधा की जानकारी एसएमएस से मिल जाएगी। वार्षिक फास्टैग निजी वाहन की विंड शील्ड पर चिपकाना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।
ऐसे राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे जहां वाहन एक टोल प्लाजा से प्रवेश कर दूसरे में निकलते हैं और बीच में किसी अन्य रास्ते से वाहन आने की सुविधा नहीं है, वहां प्रवेश और निकासी को एक ही टोल प्लाजा क्रासिंग के रूप में गिना जाएगा। यह सुविधा देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों, नेशनल एक्सप्रेसवे, एनएचएआई की रिंग रोड में मिलेगी।
मंथली पास की सुविधा रहेगी जारी
टोल प्लाजा से 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले जिन निजी वाहन मालिकों ने मंथली पास बनवाए हैं, उन्हें यह सुविधा मिलती रहेगी। ऐसे पास जब तक एक्टिवेट रहेंगे, तब तक इनसे बार-बार निकलने पर भी वार्षिक फास्टैग में यह गिनती शामिल नहीं की जाएगी। यदि उनके मंथली पास में धन नहीं हुआ तो एनुअल पास से इसकी कटौती की जाएगी।