
नई दिल्ली। सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक रणनीतिक रक्षा समझौते की खबर ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। भारत ने इस घटनाक्रम पर तीखी नजर रखी है और इसे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम मान रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत इस समझौते के असर को गहराई से परखेगा। यह समझौता दोनों देशों के बीच पुराने रिश्तों को औपचारिक रूप देता है, मगर इसके क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों को भारत बारीकी से देख रहा है।
रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर की खबरें देखी हैं। सरकार को पता था कि यह घटनाक्रम, जो दोनों देशों के बीच एक दीर्घकालिक व्यवस्था को औपचारिक रूप देता है, विचाराधीन था।”
हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर इस घटनाक्रम के प्रभावों का अध्ययन करेंगे। सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जायसवाल ने साफ किया कि भारत सरकार अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस समझौते की खबर के बाद भारत ने इसे गंभीरता से लिया है और इसके हर पहलू की पड़ताल करेगा।
भारत की क्या होगी स्ट्रेटजी?
भारत ने हमेशा से अपनी सुरक्षा को लेकर सजगता दिखाई है। सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच यह नया समझौता भारत के लिए कई सवाल खड़े करता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार इस समझौते के क्षेत्रीय और वैश्विक असर को समझने के लिए गहन अध्ययन करेगी। भारत का फोकस इस बात पर है कि यह समझौता कहीं उसके हितों के खिलाफ तो नहीं। इसके साथ ही, भारत ने साफ किया कि वह हर क्षेत्र में अपनी सुरक्षा को मजबूत रखेगा।