
गुवाहाटी।कभी घर में विपक्षियों के लिए मुसीबत मानी जाने वाली टीम इंडिया आज जीत के लिए संघर्ष कर रही है।
मु्ख्य कोच गौतम गंभीर की देखरेख में भारत एक साल के भीतर दूसरी घरेलू टेस्ट सीरीज गंवाने की कगार पर पहुंच चुका है।
पिछले साल न्यूजीलैंड से 0-3 से हारने के बाद टीम ने इस साल वेस्टइंडीज को 2-0 से मात दी, लेकिन अब एक बार फिर टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 0-2 से हार के करीब पहुंच गई है। फिलहाल दक्षिण अफ्रीका दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 0-1 से आगे चल रही है।
भारत पर मंडराया सीरीज गंवाने का खतरा
गुवाहाटी में खेले जा रहे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मुकाबले में भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। गेंदबाजी के बाद बल्लेबाजी में भी टीम प्रभावित नहीं कर सकी। अब टीम इंडिया पर दो मैचों की टेस्ट सीरीज गंवाने का खतरा बढ़ गया है।
दक्षिण अफ्रीका के पहली पारी में 489 रनों के जवाब में भारत की पहली पारी तीसरे दिन 201 रनों पर सिमटी। दिन के खेल की समाप्ति तक दक्षिण अफ्रीका ने दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 26 रन बना लिए हैं और उसकी कुल बढ़त 314 रन की हो गई है।
न्यूजीलैंड की हार से नहीं लिया सबक
मुख्य कोच गौतम गंभीर की देखरेख में भारत ने अब तक कुल छह टेस्ट सीरीज खेली हैं। इनमें चार घरेलू और दो विदेशी धरती पर खेली गई हैं।
पिछले साल अक्तूबर में भारत दौरे पर आई न्यूजीलैंड टीम ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में मेजबानों का सूपड़ा साफ किया था। बंगलूरू में खेला गया पहला मुकाबला न्यूजीलैंड ने आठ विकेट से जीता था।
इसके बाद टीम इंडिया को पुणे में खेले गए दूसरे मुकाबले में भी 113 रनों से करारी शिकस्त मिली।
ऐसा ही हाल भारतीय टीम का तीसरे मैच में भी रहा जब न्यूजीलैंड ने 25 रन से हराकर 0-3 से सीरीज अपने नाम की।
एक साल के भीतर टीम इंडिया दूसरी घरेलू सीरीज गंवाने की कगार पर पहुंच चुकी है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता में खेले गए पहले मुकाबले में भारतीय टीम को 30 रन से मात मिली थी।
अब ऐसा ही हाल गुवाहाटी में खेले जा रहे मुकाबले में भी देखने को मिल रहा है। इस मैच में भी टीम की बल्लेबाजी बेहद खराब रही और टीम फॉलोऑन तक नहीं बचा सकी। उसे 289 रन बनाने थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
हालांकि, दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बावुमा ने भारत को फॉलोऑन नहीं खिलाने का और फिर से बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। दक्षिण अफ्रीका ने इस तरह पहली पारी में 288 रनों की बढ़त ली।
भारत को पहली पारी में ऑलआउट करने के बाद मार्करम और रिकेल्टन ने दक्षिण अफ्रीका को अच्छी शुरुआत दिलाई है।
भारतीय गेंदबाजों को अब तक एक भी सफलता नहीं मिली। भारत इस स्थिति में अब कम से कम मैच ड्रॉ कराने की सोचेगा, लेकिन सीरीज बचाने के लिए उसके पास एकमात्र विकल्प जीत ही है।
भारत अब घर में शेर नहीं!
भारत की टेस्ट टीम लंबे समय तक अपने घरेलू मैदानों पर अजेय मानी जाती रही है। स्पिन की विकेटें, मजबूत बल्लेबाजी और मैच को अपनी मर्जी से मोड़ देने की क्षमता, इन खूबियों ने दशकों तक विरोधियों को भारत में जीतने का सपना भी नहीं देखने दिया,
लेकिन पिछले डेढ़ साल के आंकड़े बताते हैं कि हालात तेजी से बदल रहे हैं। भारत अब घर में शेर नहीं रहा, बल्कि घर में भी दबाव में टूटने लगी टीम का नया चेहरा दिखाई दे रहा है।





