यूपी में बिजली कंपनियों का निजीकरण आरक्षण समाप्त करने की साजिश, प्रस्ताव वापस लेने की मांग

लखनऊ। पावर आफिसर एसोसिएशन ने बुधवार को संविधान दिवस पर बाबा साहेब डा. भीमराम अंबेडकर को याद किया।

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली कंपनियों का निजीकरण आरक्षण समाप्त करने की बड़ी साजिश है, जो संवैधानिक व्यवस्था पर कुठाराघात है। निजीकरण का निर्णय वापस लेने की मांग की गई।

पदाधिकारियों ने कहा कि आज से एक वर्ष पहले संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश में बिजली व्यवस्था के निजीकरण का निर्णय लिया गया था। एसोसिएशन तभी से इसका विरोध कर रहा है।

प्रदेश के मंत्रियों को पत्र देकर निजीकरण का प्रस्ताव रोकने की मांग उठाई। किसी ने कोई कोशिश नहीं की, जिससे सिद्ध होता है कि संवैधानिक व्यवस्था आरक्षण के खिलाफ षड़यंत्र चल रहा है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी केन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के साथ ही हरिश्चंद्र वर्मा, बिंदा प्रसाद, मुकेश बाबू, अजय कुमार आदि ने कहा कि बिजली निगमों में दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। पदोन्नति नहीं देने के साथ ही झूठे आरोप लगाकर कई अभियंताओं को निलंबित किया गया।

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