
लखनऊ। अमौसी एयरपोर्ट पर फ्लाइट के इंतजार में बैठे कानपुर निवासी अनूप पांडेय की अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
वह निजी कंपनी में फाइनेंस एग्जीक्यूटिव थे। फ्लाइटें निरस्त होने के कारण उनकी पत्नी व बच्चे बंगलूरू से टैक्सी के जरिये कानपुर पहुंचे।
एयरपोर्ट पुलिस चौकी के अनुसार, घटना शुक्रवार देर रात की है। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द किया गया। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार रात अमौसी एयरपोर्ट पर कोकाकोला कंपनी में कार्यरत फाइनेंस एग्जीक्यूटिव अनूप पांडेय (46) की तबीयत बिगड़ गई थी।
भाई अनिल ने बताया कि अनूप कानपुर के कल्याणपुर के रहने वाले थे। वह पत्नी पूजा और बेटा-बेटी के साथ बंगलूरू में रहते थे। एक रिश्तेदार की तेरहवीं में शामिल होने के लिए पांच दिन पहले कानपुर आए थे।
शुक्रवार रात वाया दिल्ली उनकी बंगलूरू के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट थी। लगातार फ्लाइट रद्द होने से वह घबराए हुए थे। आरोप है कि घटना के बाद जब परिजनों ने एयरपोर्ट अधिकारियों से सीसीटीवी फुटेज व जानकारी मांगी तो कोई सहयोग नहीं किया गया।
दो बच्चों के पिता हैं अनूप
पत्नी को घटना की जानकारी कानपुर निवासी जेठ अधिवक्ता अनिल पांडे को दी। अनिल ने बताया कि एयरपोर्ट में अथाॅरिटी ने बताया कि अनूप को हार्टअटैक पड़ा था और लोकबंधु अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट में डाॅक्टर की व्यवस्था होती तो शायद उनके भाई की जान बच जाती। शव के कानपुर पहुंचते ही पत्नी और बच्चों का रो रोकर बुरा हाल हो गया है।
अनूप कुमार की 17 वर्षीय बेटी श्रेया 11वीं की छात्रा है जबकि बेटा पारस हाईस्कूल का छात्र है। बेटे की प्री बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है जिसे वह छोड़कर पिता के अंतिम दर्शन के लिए मां और बहन के साथ कानपुर पहुंचा। शव देखकर बेटी श्रेया फफक पड़ी और शव से लिपट गई।





