नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। वहीं,डीजल पर निर्यात शुल्क को घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, जो कि पहले 5.50 रुपये प्रति लीटर था। इसके अलावा जेट फ्यूल पर निर्यात शुल्क को घटाकर 2.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है, जो कि पहले 3.5 रुपये प्रति लीटर था। पेट्रोल पर निर्यात शुल्क शून्य बना हुआ है।
30 सितंबर से लागू हुई नई दरें
सरकार द्वारा घोषित की गई विंडफॉल टैक्स की नई दरें 30 सितंबर से लागू हो गई हैं। विंडफॉल टैक्स की समीक्षा सरकार की ओर से हर 15 दिनों में की जाती है। बाजार में चल रही कीमतों के आधार पर ही विंडफॉल टैक्स को किया जाता है।
इससे पहले 15 सितंबर को विंडफॉल टैक्स की नई दरें घोषित की गई थी। उस समय घरेलू उत्पादित कच्चे तेल पर टैक्स को 6700 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति टन कर दिया था। डीजल पर निर्यात शुल्क 6 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था। इसके अलावा एटीएफ पर निर्यात शुल्क को 6 रुपये से घटाकर 5.50 रुपये प्रति टन कर दिया था।
पहली बार कब लगा था विंडफॉल टैक्स
सरकार द्वारा पहली बार पिछले साल एक जुलाई को विंडफॉल टैक्स लगाया गया था। उस समय निर्यात किए जाने पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया गया था।
कच्चा तेल की कीमत 94 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई है। ओपेक देशों की ओर से कच्चे तेल के उत्पादन में लगातार कटौती करने के कारण कीमतों में उछाल देखा जा रहा है।