
नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे पर पहले ही बुरी तरह से घिरा पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई के चलते अलग-थलग पड़ सकता है। पहलगाम में बर्बर आतंकी हमला मामले में अमेरिका, रूस, इस्राइल, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान जैसे देश पहले ही भारत के रुख का समर्थन कर चुके हैं।
वहीं मुस्लिम देशों में धमक रखने वाले सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे देश आर्थिक और कूटनीतिक कारणों से विश्व व्यवस्था (ग्लोबल ऑर्डर) में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण भारत के ज्यादा करीब आए हैं।
पहलगाम मामले में भारत सधी कूटनीतिक चाल चल रहा है। एक सरकारी सूत्र ने कहा कि आतंकवाद पर अब भेदभाव वाले दृष्टिकोण का दौर खत्म हो चुका है।
अब दुनिया का कोई भी देश आतंकी हमलों पर पहले की तरह चयनित दृष्टिकोण नहीं अपना सकता। फिर पहलगाम में आतंकियों ने सुरक्षाबलों की नहीं निर्दोष लोगों की बर्बर हत्या की है। ऐसे में भारत के पास जवाबी कार्रवाई का हक है।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत का रुख आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का है, न कि किसी देश विशेष पर हमला करने का। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को जी-20 देशों के राजनयिकों को अपने इसी रुख से परिचित कराया, जिसे व्यापक समर्थन मिला है।
मुस्लिम देशों का नजरिया
सूत्र का कहना है कि इसकी बानगी 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद दिख गई थी। तब पाकिस्तान की तमाम कोशिशों के बावजूद सऊदी अरब और UAE ने उसका साथ नहीं दिया था। भारत की इंडोनेशिया, तुर्की, कतर से भी नजदीकी बढ़ी। ऐसे में इन देशों का पाकिस्तान को समर्थन मिलना संभव नहीं है।
नई सदी में मजबूत हुई है भारत की स्थिति
बीते डेढ़ दशकों में भारत की वैश्विक छवि मजबूत हुई है, उसी तेजी से पाकिस्तान की छवि कमजोर हुई है। यूक्रेन से युद्ध लड़ रहे रूस को भी भारत की जरूरत है तो टैरिफ वॉर में उलझे अमेरिका को भी। इसके अलावा खाड़ी देश भी भारत का साथ छोड़ने की स्थिति में नहीं हैं।
अमेरिका, इस्राइल, स्पेन को पहलगाम हमले से जुड़े तथ्य साझा किए
भारत ने अमेरिका, इस्राइल और स्पेन के राजनयिकों को शुक्रवार को आतंकवाद के खिलाफ जंग की जानकारी दी। इस्राइली राजदूत रियुवेन अजार ने कहा कि हमने भीषण आतंकी हमले के लिए संवेदनाएं प्रकट कीं। यह महत्वपूर्ण क्षण है। हम भारत के साथ खड़े हैं। हमने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और सहयोग बढ़ाने के तरीकों से जुड़ी चिंता पर चर्चा की।
अमेरिकी प्रभारी डी’अफेयर्स (CDA) जोर्गन के. एंड्रयूज, स्पेन के राजदूत भी विदेश मंत्रालय के साउथ कार्यालय में देखा गया। गुरुवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जर्मनी, जापान, पोलैंड, ब्रिटेन, रूस समेत कई देशों के राजनयिकों को पहलगाम हमले से जुड़े तथ्य साझा किए थे।