
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि युद्ध को खत्म करने के संबंध में फैसला अब यूक्रेन को करना है क्योंकि रूस बहुत बड़ी ताकत है और वह (यूक्रेन) ताकतवर नहीं है। इसलिए लड़ाई को जारी रखने में यूक्रेन को कोई लाभ नहीं होना है।
हमें पहले शांति समझौता करना चाहिए- ट्रंप
रुख में बड़ा बदलाव करते हुए ट्रंप ने कहा, वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की इस सोच से सहमत हैं कि हमें पहले शांति समझौता करना चाहिए और उसके बाद युद्धविराम होगा। जबकि यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी चाहते हैं कि पहले युद्धविराम हो, उसके बाद शांति समझौता।
ट्रंप ने शनिवार को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ सोशल पर अपनी पोस्ट में ये बातें कही हैं। विदित हो कि रूस ने एंकरेज में हुई वार्ता से पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यूक्रेन में जीती हुई भूमि नहीं छोड़ी जाएगी जबकि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भूमि वापसी से कम पर शांति समझौता न करने की बात कही थी।
युद्धविराम के संबंध में नहीं हो सका कोई निर्णय
इससे पहले अमेरिका के एंकरेज शहर में भारतीय समयानुसार शनिवार तड़के साढ़े चार बजे अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने तीन घंटे चली वार्ता का समापन किया लेकिन उसका स्पष्ट नतीजा सामने नहीं आया।
इस बैठक में यूक्रेन में युद्धविराम के संबंध में कोई निर्णय नहीं हो सका, इस मसले पर वार्ता कहां तक पहुंची यह भी दोनों नेताओं ने नहीं बताया।
जेलेंस्की के साथ त्रिपक्षीय वार्ता करेंगे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह जरूर कहा कि वार्ता सफल रही और यूक्रेन में शांति स्थापित करने की दिशा में हम आगे बढ़े हैं, जल्द ही हम यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ त्रिपक्षीय वार्ता करेंगे।
जबकि रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि लड़ाई के मूल बिंदुओं के समाधान के बगैर लंबे समय के लिए शांति स्थापित नहीं हो सकती है। रूस का उद्देश्य लड़ाई के कारणों को खत्म करना है।
शांति के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों की सराहना करते हुए पुतिन ने कहा कि अगर 2022 में वह अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो यूक्रेन युद्ध शुरू ही नहीं होता। यह कहकर पुतिन ने ट्रंप के इस बाबत किए दावे को पुख्ता किया है। दोनों नेताओं ने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
शनिवार को ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और कई यूरोपीय नेताओं को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पुतिन के साथ बैठक के निष्कर्ष की जानकारी दी। जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं ने शांति के लिए ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया है।
पुतिन ने जेलेंस्की के साथ बैठक पर सहमति नहीं जताई
जेलेंस्की ने कहा है कि वह सोमवार को वाशिंगटन जाकर भविष्य की योजना पर राष्ट्रपति ट्रंप से बात करेंगे। इस बैठक में कुछ यूरोपीय नेता भी शामिल हो सकते हैं। जेलेंस्की ने पुतिन के साथ त्रिस्तरीय बैठक पर सहमति जताई है। लेकिन पुतिन ने जेलेंस्की के साथ बैठक पर सहमति नहीं जताई है। उन्होंने यूक्रेन मसले पर ट्रंप के साथ अगली बैठक मॉस्को में करने का प्रस्ताव रखा है।
ट्रंप के बयान का रूस ने किया स्वागत
रूस ने ट्रंप के इंटरनेट मीडिया में आए उस बयान का स्वागत किया है जिसमें ट्रंप ने पहले शांति समझौता करने की बात कही है। रूस अभी तक यूक्रेन में पहले युद्धविराम करने से इसलिए इन्कार करता रहा है क्योंकि उस समय का लाभ यूक्रेन अपनी सैन्य तैयारी बढ़ाने में कर सकता है। रूस ने विश्वास का वातावरण बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की सराहना की है।
ट्रंप ने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध की समाप्ति को वह आसान समझ रहे थे लेकिन वास्तव में वह बहुत जटिल है। ट्रंप ने जेलेंस्की से कहा है कि अगर वह भूमि के लेनदेन के मसले पर तैयार हों तो वह राष्ट्रपति पुतिन के साथ दोबारा बैठक करने के लिए तैयार हैं। जबकि जेलेंस्की ने कहा है कि वह यूक्रेन में शांति के लिए अधिकतम प्रयास करने को तैयार हैं।
यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी पर ट्रंप-पुतिन सहमत
बैठक के बाद फाक्स न्यूज से इंटरव्यू में ट्रंप ने संकेत दिया कि यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी पर उनकी पुतिन से वार्ता हुई है। शांति समझौते में इस बाबत प्रविधान करने के लिए दोनों नेता काफी हद तक सहमत हैं।
इस बीच यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन के समर्थन के एलान के साथ ही अमेरिका से यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी चाही है। ट्रंप ने कहा, शांति के लिए अब जो कुछ करना है जेलेंस्की को करना है। उनकी सलाह है कि जेलेंस्की अपनी ओर से वे कार्य करें।
ट्रंप का संकेत रूस के लिए यूक्रेनी भूमि छोड़ने से है। रूस ने साढ़े तीन वर्ष के युद्ध में यूक्रेन की करीब 20 प्रतिशत भूमि पर कब्जा कर लिया है और अब वह उसे छोड़ना नहीं चाहता है।
यूक्रेन के 70 प्रतिशत भूभाग पर कब्जा कर चुकी है रूसी सेना
सूत्रों के अनुसार बैठक में पुतिन ने यूक्रेन में कब्जे वाली कुछ जमीन छोड़ने के बदले यूक्रेन से पूरा डोनेस्क प्रांत छोड़ने का प्रस्ताव रखा। इस प्रांत में अधिसंख्य लोग रूसी भाषा बोलने वाले हैं।
अभी तक की लड़ाई में रूसी सेना इसके 70 प्रतिशत भूभाग पर कब्जा कर चुकी है। इससे पूर्व 2014 में रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा किया था।