
नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति लगातार बदतर बनी हुई है और सर्दियों की शुरुआत के साथ हवा की गुणवत्ता फिर से खतरनाक स्तरों पर पहुंच गई है।
हर साल की तरह इस बार भी राजधानी का आसमान धुंध की चादर में ढका है और हवा में प्रदूषकों की मात्रा बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी और दृश्यता में कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम, स्थानीय उत्सर्जन और पड़ोसी शहरों से आने वाले प्रदूषक मिलकर स्थिति को और भयावह बना रहे हैं।
मंगलवार को 372 रहा राजधानी का AQIसीपीसीबी के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली का एक्यूआइ बढ़कर 372 पर पहुंच गया, जो सोमवार के 304 और रविवार के 279 की तुलना में काफी खराब था।
39 में से 16 निगरानी स्टेशनों पर एक्यूआइ 400 के पार ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा, जिनमें बुराड़ी, आनंद विहार, विवेक विहार, मुंडका, बवाना, रोहिणी और पंजाबी बाग शामिल हैं।
निर्णय समर्थन प्रणाली के अनुसार राजधानी के प्रदूषण में वाहनों का योगदान 18.4% रहा, जबकि उद्योगों का 9.2% था। इसके अलावा नोएडा, गाजियाबाद, बागपत, गुरुग्राम और पानीपत से आने वाले उत्सर्जन ने भी स्तर बढ़ाया।
मौसम विभाग का कहना है कि हवा दक्षिण-पश्चिम से धीमी चल रही है, जिससे प्रदूषण के फैलाव में कमी आई है और स्थिति ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रहने की आशंका है।
गंभीर बनी हुई है स्थिति
बुधवार सुबह भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही और कई इलाकों में एक्यूआइ खतरनाक स्तरों पर दर्ज किया गया।
वजीरपुर सबसे प्रदूषित रहा, जहां एक्यूआइ 482 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी की ओर इशारा करता है।
आरके पुरम में भी स्थिति चिंताजनक रही और एक्यूआइ 427 दर्ज किया गया, जबकि रोहिणी 378 के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही।





