नई दिल्ली। कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी, स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का कारण ज्यादातर मोटापा (Obesity) व खराब जीवनशैली है। इसे समय रहते कम नहीं किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है, लेकिन वेट लॉस की मुश्किलों को देखते हुए कई लोग इसको गंभीरता से नहीं लेते।
यहां आज हम आपको बताएंगे कि वजन कम करना इतना भी मुश्किल नहीं है। आयुर्वेद के आसान और असरदार उपायों ठंड में वेट लॉस कर सकते हैं।
यदि आप सही विकल्पों को चुनते हैं, तो आपकी वेट लॉस जर्नी बिना खान-पान से परहेज किए और जिम में घंटों पसीना बहाए बिना ही पूरी हो सकती है। इन आयुर्वेदिक वेट लॉस टिप्स के बारे में दावा है कि इसे नियमित फॉलो करके सिर्फ 3 हफ्ते में वजन कम किया जा सकता है।
वेट लॉस करने के आयुर्वेदिक उपाय
रोज पिएं अदरक पानी
आयुर्वेद विशेषज्ञ वेट लॉस जर्नी को आसान बनाने के लिए सादे पानी की जगह पूरे दिन अदरक पानी पीने की सलाह देते हैं। अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं।
यह शरीर के फैट (थर्मोजेनेसिस) बर्न करने, कार्बोहाइड्रेट को पचाने और इंसुलिन का उपयोग करने की क्षमता को प्रभावित करता है, जो वेट मैनेजमेंट के लिए बहुत जरूरी है।
ऐसे करें तैयार
1 लीटर पानी लें, उसमें आधा चम्मच सोंठ डालें और इसे तब तक उबालें जब तक कि यह 750 मिलीलीटर कम न हो जाए। इसके अलावा ताजे अदरक को पानी में 5-10 मिनट तक उबालकर और छानकर इसका सेवन कर सकते हैं।
पैदल चलें
सुबह या रात में 40-50 मिनट तक पैदल चलना से मोटापा कम करने में मदद मिलती है, क्योंकि यह कैलोरी बर्न करने का काम करता है। नियमित पैदल चलने से पेट की जिद्दी चर्बी भी कम हो सकती है।
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम वजन घटाने के लिए बहुत अच्छा है, क्योंकि यह सीधे हमारे शरीर की मेटाबॉलिज्म दर, आंतों के स्वास्थ्य और पाचन से जुड़ा होता है। जब आप इस प्राणायाम सही ढंग से नियमित रूप से 10-15 मिनट अभ्यास करते हैं, तो इसका असर कुछ ही दिनों में दिखने लगता है।
सूर्य नमस्कार से होगा फैट लॉस
सूर्य नमस्कार 12 अलग-अलग योगासन का पूरा एक चक्र होता है, जो सेहत को कई तरह के लाभ पहुंचाता है। इसमें वेट लॉस भी शामिल है। सूर्य नमस्कार का एक सेट 13.90 कैलोरी तक जला सकता हैं। एक्सपर्ट नियमित रूप से इसके 12 सेट करने की सलाह देती हैं। आप इसे 2 सेट से धीरे-धीरे शुरू कर सकते हैं।
फॉलो करें फास्टिंग वेट लॉस डाइट
एक्सपर्ट बताते हैं कि यह इंटरमिटेंट फास्टिंग वेट लॉस डाइट की तरह ही होता है। ऐसे में आपको सूर्योदय के बाद ब्रेकफास्ट और सूर्यास्त से पहले डिनर करना होता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में आप सुबह 9-10-11 बजे से शाम 5-6-7 बजे तक कभी भी भोजन कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।