हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर आज भी सदन में हंगामा, दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित

नई दिल्ली। अदाणी समूह पर अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर संसद के दोनों सदनों में आज शुक्रवार को भी जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दल मामले की जांच की मांग पर अड़े हुए हैं। इसी को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया।

हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक जबकि लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

अदाणी एंटरप्राइजेज के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। दूसरी ओर राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया।

जेपीसी जांच की मांग

इससे पहले आज सुबह 10 बजे विपक्षी दलों ने बैठक की थी। बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई। बता दें कि विपक्षी दलों ने कल गुरुवार को भी अदाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर दोनों सदनों में हंगामा किया था।

विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में या संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से मामले की जांच कराने की मांग पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस 6 फरवरी को देशभर में एलआईसी और एसबीआई के कार्यालयों के सामने प्रदर्शन करेगी।

बजट सत्र के दौरान खरगे ने प्रेस वार्ता भी की। खरगे ने कहा कि सभी पार्टियों ने मिलकर निर्णय किया है कि देश में आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जो भी घटनाएं हो रही हैं, उन्हें सदन में उठाना है। अदाणी मामले पर भी चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसे खारिज कर दिया गया।

निराधार दावे न करें

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा विपक्ष से कहा कि वह निराधार दावे न करें और सदन को चलने दें। प्रश्नकाल संसदीय कार्यवाही का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे बाधित नहीं किया जाना चाहिए।

सदन की अन्य कार्यवाही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट के बारे में आज भाजपा सांसदों को ब्रीफ करेंगी। इस दौरान पार्टी के राज्यसभा और लोकसभा के सांसद मौजूद रहेंगे। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।

आरबीआई ने मांगी रिपोर्ट

इस बीच, आरबीआई ने सभी बैंकों से कहा है कि उनकी तरफ से अदाणी समूह की विभिन्न कंपनियों को कितना कर्ज दिया गया है, इसका पूरा लेखाजोखा उसके समक्ष रखें। आरबीआई यह जानना चाहता है कि एक कॉरपोरेट हाउस में वित्तीय कंपनियों की तरफ से किए जाने वाले निवेश या कर्ज आवंटन में नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया गया है। सेबी भी पूरे मामले पर नजर रखे हुए है।

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