आडवाणी और जोशी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न हों शामिल, ऐसा क्यों बोले चंपत राय?

अयोध्या। रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में समग्र भारतीयता की छटा बिखरेगी। इस अवसर पर बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ने वाली ढाई हजार विभूतियां शामिल होंगी लेकिन इसमें भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी राम मंदिर के भव्य अभिषेक में शामिल नहीं होंगे।

सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा लाल कृष्ण आडवाणी जिनकी उम्र 96 साल और मुरली मनोहर जोशी जो कि 90 वर्ष के हो जाएंगे उनसे उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर अनुरोध किया गया था कि वे राम मंदिर के अगले अभिषेक में शामिल न हों। दोनों से अनुरोध किया गया है और उन्होंने अनुरोध को स्वीकार भी कर लिया है। इस दौरान चंपतराय ने याद दिलाया कि भूमिपूजन में कल्याण सिंह भी आने की जिद कर रहे थे, मैंने किसी तरह उन्हें रोका।

9 नवंबर को SC ने सुनाया था फैसला

भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी राम मंदिर आंदोलन में सबसे आगे थे, 9 नवंबर 2019 को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दशकों को पुराने स्वामित्व विवाद मामले को हिंदू पक्ष में सुनाया गया।

चंपतराय ने कहा प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सभी तैयारियां जोरों पर हैं जो कि अगले साल 15 जनवरी तक पूरी हो जाएंगी। साथ ही 16 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा का पूजन शुरू हो जाएगा जो कि 22 जनवरी तक चलेगा।

22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई क्षेत्रों के लोग प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। चंपतराय ने बताया कि विभिन्न परंपराओं के 150 साधु-संतों और छह दर्शन परंपराओं के शंकराचार्य सहित कुल 13 अखाड़े इस भव्य आयोजन में भाग लेंगे।

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