
इंदौर। भोपाल में नर्मदा एक्सप्रेस से सात अगस्त को रहस्यमय तरीके से लापता अधिवक्ता अर्चना तिवारी को 12 दिन बाद उप्र के लखीमपुर खीरी जिले में पलियाकलां स्थित नेपाल बार्डर के पास बरामद कर लिया गया।
इससे पहले मंगलवार सुबह उनके मुंहबोले भाई ने परिवार के सदस्यों को अर्चना से फोन पर बात होने की जानकारी दी तो उसके साथ होई अनहोनी की आशंका दूर होने से सबने राहत की सांस ली। देर रात भोपाल रेल पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने बताया कि अर्चना तिवारी को सकुशल बरामद कर लिया गया है।
नहीं उठा इस बात से पर्दा
हालांकि, उन्होंने यह राजफाश अभी नहीं किया है कि वह वहां तक कैसे पहुंची। क्या उसके साथ किसी और को पाया गया है? इन सवालों के जवाब पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को अर्चना से पूछताछ के बाद ही देने की बात कही है। जीआरपी पुलिस उन्हें भोपाल लाएगी।
बता दें कि इंदौर के एक हॉस्टल में रहकर जूडिशियल सर्विस की तैयारी कर रही 28 वर्षीय अधिवक्ता अर्चना मप्र के कटनी जिले की रहने वाली हैं। वह सात अगस्त को इंदौर से रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधने के लिए कटनी जाने को नर्मदा एक्सप्रेस से निकली थी, लेकिन रास्ते से वह लापता हो गई।
पुलिस ने जांच की तो उनके मोबाइल की अंतिम लोकेशन भोपाल के कमलापति रेलवे स्टेशन पर पाई गई, जिसके बाद से उनका मोबाइल स्विच ऑफ जा रहा था। किसी हादसे का शिकार होने की आशंका से पिछले 12 दिन से लगातार GRP उनकी तलाश कर रही थी।
जंगलों और रेलवे ट्रैक के आसपास तलाशी की जा रही थी। CCTV खंगाले जा रहे थे। साइबर पुलिस भी जुटी हुई थी। उधर, लखीमपुर खीरी से मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल GRP पिछले तीन दिन से युवती की तलाश में डेरा डाले हुए थी।
दरअसल, पुलिस को सूचना मिल गई थी कि वह नेपाल भागने की फिराक में है। इसकी वजह अभी सामने नहीं आई है। हालांकि, बुधवार तक तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।
मुंहबोले भाई से हुई बात, ग्वालियर के सिपाही से पूछताछ
मंगलवार सुबह अर्चना की उनके मुंहबोले भाई और युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दिव्यांशु अंशु मिश्रा से पहले बात हुई। उसने स्वजन को अर्चना के सकुशल होने की जानकारी दी। वहीं, GRP ने ग्वालियर में तैनात सिपाही राम तोमर को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
दरअसल, सिपाही के बारे में कहा जा रहा है कि उसने ही अर्चना का ट्रेन यात्रा का टिकट बुक कराया था। ऐसे में अर्चना के लापता होने में सिपाही की भूमिका मानकर उससे पूछताछ की गई।